
सहारनपुर. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद पर 28 जून को हुई फायरिंग के मामले में पुलिस की इन्वेस्टिगेशन में कई बड़े खुलासे हुए हैं। पुलिस ने इस मामले में हरियाणा के अंबाला से 4 आरोपियों को अरेस्ट किया था। जिस गाड़ी में बैठकर वो हमला करने आए थे, वो पहले ही बरामद कर ली गई थी। आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वे चंद्रशेखर के भाषणों से नाराज थे। एक आरोपी सेना में जाने की तैयारी कर रहा था।
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर हमला, आरोपियों की पूछताछ में नया खुलासा
चंद्रशेखर आजाद पर चार राउंड फायर किए गए थे। हालांकि सिर्फ एक गोली ही उनकी कमर को छूकर निकली थी। आरोपियों ने स्वीकारा कि वे आजाद के भाषणों ने नाराज थे। पकड़े गए आरोपियों में से एक लविश के चाचा मोनू ने बताया कि वो सेना में जाना चाहता था। लविश यूपी के देवबंद के रणखंडी गांव का रहने वाला है।
लविश गांव में रहकर खेती-बाड़ी के साथ-साथ पढ़ाई कर रहा था। उसका सपना मिलिट्री में जाने का था। लविश के चाचा हैरान हैं कि लविश ने इतना बड़ा कांड कैसे कर दिया? उन्होंने बताया कि लविश आपराधिक प्रवृत्ति का बिलकुल नहीं था। उन्होंने कहा कि जरूर लविश को किसी ने उकसाया होगा।
चंद्रशेखर आजाद पर हमले के आरोपी की कहानी
लविश 28 जून को मामा के घर जाने की बात कहकर निकला था। फिर खबर आई कि उसने चंद्रशेखर आजाद पर गोली चला दी। आरोपी हरियाणा के करनाल में रहने वाले विकास की स्विफ्ट कार से हमले को अंजाम देने पहुंचे थे। आरोपियों को एसटीएफ और यूपी पुलिस ने अंबाला के शहजादपुर के अग्रवाल ढाबा से पकड़ा था। इसके बाद अंबाला की शहजादपुर पुलिस ने उन्हें यूपी पुलिस को सौंप दिया था।
घटना के बाद चंद्रशेखर ने एक वीडियो जारी करके कहा था कि उन्हें अचानक हमले की उम्मीद नहीं थी। पुलिस ने 29 जून को चारों आरोपियों को हिरासत में लिया था। पुलिस ने एक कार भी बरामद की थी। इसी कार का इस्तेमाल बंदूकधारियों ने हमले को अंजाम देने के लिए किया था। यह कार घटनास्थल से करीब 7 किमी दूर बरामद हुई थी।
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