यूपी के माफिया पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, पोस्टमार्टम के बाद गाजीपुर ले जाया जाएगा शव

मुख्तार अंसारी ने कुछ दिनों पहले ही कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर यह आरोप लगाया था कि जेल में उनको धीमा जहर दिया जा रहा है।

Dheerendra Gopal | Published : Mar 28, 2024 4:44 PM IST / Updated: Mar 28 2024, 11:28 PM IST

नई दिल्ली। यूपी के माफिया पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। गुरुवार को तबीयत बिगड़ने के बाद बांदा जेल से उनको रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में फिर से भर्ती कराया गया था। मुख्तार अंसारी 63 साल के थे। रात करीब ढाई बजे मुख्तार का परिवार बांदा पहुंचने वाला है। बांदा में ही पोस्टमार्टम कराने के बाद उनके शव को गाजीपुर ले जाया जाएगा। उधर, मुख्तार की मौत की सूचना के बाद पूरे यूपी में धारा 144 लगा दिया गया है। गाजीपुर-मऊ जिलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। जिले में अतिरिक्त पुलिस बल लगाया गया है। जगह-जगह फ्लैग मार्च कराया जा रहा है।

मुख्तार अंसारी जेल में बैरक में मंगलवार को अचानक से गिर गए। उनको हार्ट अटैक आया था। हालांकि, 14 घंटे तक आईसीयू में रखने के बाद उनको फिर से जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। गुरुवार को उनकी हालत अधिक सीरियस होने के बाद एक बार फिर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। लेकिन उनकी मौत हो गई।

मंगलवार को केवल उनके भाई अफजाल अंसारी ही मिल सके

मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने के बाद मंगलवार को उनके भाई व पूर्व सांसद अफजाल अंसारी ने अस्पताल में उनसे मिले। अन्य किसी को प्रशासन ने मुख्तार अंसारी से मिलने नहीं दिया। हालांकि, इसके बाद उनके बेटे उमर अंसारी ने लोकल प्रशासन व सरकार पर पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को मारने की साजिश का आरोप लगाया था। सुरक्षा पर तमाम तरह के सवाल भी खड़े किए थे। मुख्तार अंसारी ने कुछ दिनों पहले ही कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर यह आरोप लगाया था कि जेल में उनको धीमा जहर दिया जा रहा। 

मोहम्मदाबाद में हुआ था जन्म

मुख्तार अंसारी का जन्म गाजीपुर के मोहम्मदाबाद में 3 जून 1963 को हुआ था। पिता का नाम सुबहानउल्लाह अंसारी और मां का नाम राबिया बेगम था। मुख्तार अंसारी का परिवार एक जाना माना स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार रहा है। उनके दादा मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं। 1926-27 में उनके दादा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और महात्मा गांधी के साथ काम कर चुके हैं। उनके नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को मरणोपरांत महावीर चक्र मिला था।

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