
गाजियाबाद. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में शुक्रवार को आठवीं कक्षा के स्टूडेंट ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। दरअसल, उसके माता-पिता ने उसे गेम खेलने से मना किया था, क्योंकि वो 2 लाख रु. हार चुका था। इसी से खफा होकर उसने सुसाइड कर लिया। घर की छत पर जाकर बच्चे ने फांसी लगाई। नाबालिग की उम्र महज 15 साल थी।
घर लौटे तो फंदे पर लटका मिला बेटा
माता-पिता ने सुबह काम पर जाने से पहले बेटे को ऑनलाइन गेम खेलने से मना किया था। जब वो शाम को घर लौटे तो बेटा छत पर फांसी के फंदे से लटका मिला। उसकी मौत हो चुकी थी। घरवालों ने बेटे के शव का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया और उसके अंतिम संस्कार के लिए उसे अपने गांव लेकर गए। नाबालिग के सुसाइड की खबर पूरे जिले में आग की तरह फैल गई। इस घटना को जिसने भी सुना वह यही कहता नजर आया कि बच्चों को मोबाइल नहीं देना चाहिए।
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गेम खेल रहे बच्चों पर रखें नजर
आजकल बच्चों को मोबाइल पर गेम खेलने की लत लग गई है। वे दिन-रात गेम खेलते रहते हैं। कुछ बच्चे पैसे से भी गेम खेलते हैं। कई बार लाखों रुपए वो हार जाते हैं। अगर आपका बच्चा भी मोबाइल पर गेम खेल रहा है, तो उसे समझाकर लत छुड़वाएं। अन्यथा किसी दिन आपको बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। इस बात का ध्यान भी रखें कि कहीं वह कोई गलत कदम ना उठा ले। उसे गेम खेलने से रोकने के बाद अकेला नहीं छोड़े, उसके साथ रहें। उसका मन दूसरे किसी फिजिकल गेम में लगाएं, ताकि वह मोबाइल पर गेम खेलने की लत को छोड़ दे।
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