ज्ञानवापी के बाहर शुक्रवार को 500 से अधिक नमाजियों ने अस्थाई गेट की बात को लेकर काफी देर तक हंगामा किया। इसके बाद एसीपी सुरक्षा द्वारा विश्वास दिलाने के बाद नमाज पढ़ी गई।
वाराणसी. ज्ञानवापी के बाहर प्रशासन द्वारा लगाए गए अस्थाई गेट को लेकर शुक्रवार को मुस्लिम समाजजनों ने हंगामा शुरू कर दिया था। उन्होंने तब तक नमाज नहीं पढ़ने की चेतावनी दे दी थी जब तक कि गेट को हटाया नहीं जाएगा। इस मामले में काफी देर तक बहस चलने के बाद जब प्रशासन ने गेट हटाने का आश्वासन दिया, तब जाकर मामला शांत हुआ और करीब डेढ़ घंटे बाद जुमे की नमाज हुई।
सावन और जुमा के कारण लगाया अस्थाई गेट
जानकारी के अनुसार सावन का महीना चल रहा है। इसी के साथ शुक्रवार को जुमे की नमाज भी थी। इस कारण प्रशासन द्वारा अस्थाई गेट लगा दिया था, ताकि किसी को दिक्कत नहीं हो। लेकिन दोपहर में शहर मुफ्ती अब्दुल बातिन नोमानी अस्थाई गेट का विरोध करते हुए धरने पर बैठ गए थे। इस वजह से करीब डेढ़ घंटे तक कोई नमाज पढ़ने नहीं गया। सभी नमाजियों की मांग थी कि जब तक गेट का फ्रेम नहीं हटेगा, तब तक नमाज नहीं होगी। इसके बाद एसीपी सुरक्षा से आश्वासन मिलने के बाद नमाज पढ़ी गई। इस मामले में वादी मुकदमा मुख्तार अंसारी ने बताया एसीपी सुरक्षा ने भरोसा दिलाया है कि बिना अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की परमिशन और सहमति के कोई गेट नहीं लगाया जाएगा।
मुस्लिम समाज और प्रशासन आमने सामने
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को ज्ञानवापी मामले में एक और नया विवाद सामने आया। यहां अस्थाई गेट लगाने की बात पर प्रशासन और मुस्लिम समाज आमने सामने था। जिसमें शहर ए मुफ्ती ने विरोध करते हुए धरना देना शुरू कर दिया था। उनके साथ करीब 500 से अधिक मुस्लिम समाजजन थे। उनका कहना था कि जब तक अस्थाई गेट हट नहीं जाएगा। तब तक हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
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मस्जिद में प्रवेश रोकने की साजिश
ज्ञानवापी में अस्थाई गेट को लेकर मुस्लिम समाजजनों का कहना था कि ये गेट मुस्लिमों को मस्जिद में प्रवेश करने से रोकने की साजिश है। इस मामले में काफी देर तक बहस के बाद प्रशासन ने विवाद बढ़ता देख गेट नहीं लगाने का आश्वासन दिया। तब जाकर मामला शांत हुआ और पुलिस ने सभी को अंदर भेजकर नमाज करवाई। इस दौरान मुस्लिम समाजजनों ने अपनी दुकानें भी बंद कर दी थी।
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