
Gorkha War Memorial Gorakhpur: इतिहास की धड़कनों में जब भी वीरता और शौर्य की गाथा गूंजती है, गोरखा रेजीमेंट का नाम सबसे पहले आता है। इसी अमर गाथा को पीढ़ियों तक संजोने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के कूड़ाघाट स्थित गोरखा युद्ध स्मारक के सौंदर्यीकरण और संग्रहालय निर्माण परियोजना का शिलान्यास किया। 45 करोड़ रुपये की इस परियोजना का उद्देश्य केवल गोरखा सैनिकों के बलिदान को सम्मानित करना नहीं, बल्कि भारत-नेपाल के गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को और अधिक मजबूत करना है।
मुख्यमंत्री योगी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संग्रहालय का भूमिपूजन और मां काली मंदिर में पूजा-अर्चना की। कार्यक्रम के दौरान गोरखा रिक्रूटिंग डिपो पर आधारित लघु फिल्म दिखाई गई और गोरखा परंपरा को दर्शाते नृत्य व गीतों ने सभी का मन मोह लिया। सीएम योगी ने इस अवसर पर गोरखा शहीदों की वीरांगनाओं को सम्मानित भी किया।
यह भी पढ़ें: IIT कानपुर और CM योगी का विज़न: UP बनेगा भारत का डीप टेक हब और इनोवेशन इंजन
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध पंक्तियां उद्धृत कीं और कहा कि गोरखा सैनिकों की गौरवशाली परंपरा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंच प्रण का उल्लेख करते हुए कहा कि वीर सैनिकों का सम्मान करना हम सभी का कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भारतीय सेना के शौर्य की चर्चा होती है तो गोरखा सैनिकों का नाम अग्रणी रहता है। "जय महाकाली, आयो गोरखाली" के उद्घोष के साथ उनका रणभेरी बजना ही दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर कर देता है। 1816 के ब्रिटिश-गोरखा युद्ध से लेकर स्वतंत्र भारत तक, गोरखा सैनिकों ने हमेशा दुश्मनों को घुटने टेकने पर मजबूर किया।
सीएम योगी ने स्मारक को आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बताते हुए कहा कि इस म्यूजियम में गोरखा रेजीमेंट की वर्दियां, हथियार और युद्धकला का इतिहास प्रदर्शित होगा। साथ ही उन्होंने यह भी दोहराया कि (Agniveer Scheme) से लौटने वाले जवानों को यूपी पुलिस में 20% आरक्षण दिया जाएगा।
सीएम योगी ने कहा कि यह स्मारक न केवल हजारों पूर्व गोरखा सैनिक परिवारों को गौरव का अनुभव कराएगा, बल्कि युवाओं में सेना के प्रति आकर्षण भी बढ़ाएगा। गोरखपुर में स्थापित सैनिक स्कूल का उल्लेख करते हुए उन्होंने इसे "नेशन फर्स्ट" के संकल्प को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम बताया।
कार्यक्रम में मौजूद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा कि यह युद्ध स्मारक सिविल-मिलिट्री फ्यूजन का प्रतीक होगा। उन्होंने गोरखा सैनिकों के अदम्य साहस, भारत-नेपाल संबंधों और उनकी सदियों पुरानी सेवा भावना को याद किया। उन्होंने कहा कि यह नवीनीकरण अतीत को सम्मान देने और भविष्य को प्रेरणा देने का माध्यम बनेगा।
इस संग्रहालय में गोरखा सैनिकों की वीरता को आधुनिक तकनीक से प्रस्तुत किया जाएगा।
इन सभी आकर्षणों के जरिए युवा पीढ़ी गोरखा रेजीमेंट की शौर्यगाथा से रूबरू होगी।
यह भी पढ़ें: योगी सरकार का एक्शन: अगस्त में 2.69 लाख लीटर अवैध शराब जब्त, 1,995 गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।