हाथरस हादसा: सरकारी अस्पताल का भयानक मंजर, बर्फ की सिल्लियों पर पड़े दर्जनों शव

हाथरस में भगदड़ (Hathras Stampede) में मारे गए लोगों के शव सरकारी अस्पताल में बर्फ की सिल्लियों पर रखे गए हैं। परिजन पोस्टमॉर्टम होने का इंतजार कर रहे हैं।

हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को मचे भगदड़ (Hathras Stampede) में मरने वालों की संख्या 121 हो गई है। यहां के सरकारी अस्पताल में भयानक मंजर दिख रहा है। दर्जनों शवों को बर्फ की सिल्लियों पर रखा गया है। परिजन अस्पताल के बाहर जुटे हुए हैं। उन्हें इंतजार है कि पोस्टमॉर्टम हो जाए ताकि वे अपनों के शव अंतिम संस्कार के लिए ले जा सकें। विलाप करते परिजन बारिश में इंतजार करते दिखे।

भगदड़ में मारे गए लोगों में अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं। ये लोग नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा (Bhole Baba) के सत्संग में आए थे। प्रवचन के बाद भोले बाबा बाहर निकले। उनके चरणों की धूल पाने के लिए भीड़ दौड़ी, इस दौरान भगदड़ मच गई और 121 लोगों की जान चली गई। घटना हाथरस के सिकंदराराऊ के फुलराई गांव में घटी।

Latest Videos

लापता परिजनों की तलाश कर रहे लोग

सत्संग में आए कई लोग लापता भी हुए हैं। घटना स्थल के करीब स्थित सिकंदराराऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर कई लोग मंगलवार देर रात तक अपने लापता परिजनों की तलाश करते रहे। कासगंज जिले के रहने वाले राजेश ने बताया कि वह अपनी मां को खोज रहे हैं। दूसरी ओर शिवम को अपनी बुआ की तलाश थी। दोनों लोगों को अपने परिजनों की तस्वीर दिखा रहे थे। राजेश ने कहा, "मैंने एक न्यूज चैनल में अपनी मां की तस्वीर देखा। वह हमारे गांव के दो दर्जन अन्य लोगों के साथ यहां सत्संग में आई थी।"

इसी तरह अंशु और पबल कुमार अपने छोटे पिकअप ट्रक में सीएचसी के पास इंतजार कर रहे थे। उन्हें उम्मीद थी कि वे अपने चचेरे भाई के लापता पिता 40 साल के गोपाल सिंह को खोज लेंगे। अंशु ने बताया "मेरे चाचा घर से सत्संग के लिए निकले थे, लेकिन नहीं लौटे। वह अपने पास फोन भी नहीं रखते, जिससे खोजने में परेशानी हो रही है।"

यह भी पढ़ें- हाथरस भगदड़: चश्मदीद ने सुनाई रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी, एक के बाद एक नाले में गिरते गए लोग

भगदड़ में मीना देवी की 65 साल की मां सुदामा देवी की मौत हो गई। मीना ने कहा, "बूंदाबादी होने के चलते मैं सत्संग में नहीं गई थी, नहीं तो मैं भी मां के साथ जाने वाली थी। भाई, भाभी और उनके बच्चे मां के साथ आए थे। भीड़ में मेरी मां पीछे रह गईं और कुचल गईं।"

पता नहीं कितनी देर में होगा पोस्टमार्टम

विनोद कुमार सूर्यवंशी की 72 साल की मौसी की भगदड़ में मौत हो गई। उनकी मां सौभाग्य से बच गईं। विनोद ने कहा, "मैं यहां तीन घंटे से हूं। शव अभी भी यहीं है। मुझे बताया गया है कि अब शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा। मुझे नहीं पता कि इसमें और कितना समय लगेगा।"

यह भी पढ़ें- Hathras Stempede: सत्संग स्थल आने के प्रवेश और निकासी गेट था संकरा, और भी बताए जा रही कई वजह

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
ममता की अद्भुत मिसाल! बछड़े को बचाने के लिए कार के सामने खड़ी हुई गाय #Shorts
LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी