उत्तर प्रदेश अब 'बीमारू' नहीं! जानिए कैसे योगी सरकार ने हेल्थ सिस्टम को किया हाईटेक

Published : Aug 06, 2025, 02:03 PM IST
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सार

Healthcare services Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के नेतृत्व में चिकित्सा शिक्षा, आयुष, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और स्वास्थ्य अवसंरचना में ऐतिहासिक सुधार हुए हैं, जिससे राज्य अब बीमारू नहीं बल्कि स्वस्थ प्रदेश बन चुका है।

Uttar Pradesh Health Reforms: कभी बीमारू प्रदेश कहे जाने वाला उत्तर प्रदेश, अब देश के सबसे तेज़ी से विकसित हो रहे चिकित्सा केंद्रों में गिना जा रहा है। जो राज्य कभी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से जूझता था, वहीं अब आधुनिक सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और आयुष शिक्षा संस्थानों की नई पहचान बना चुका है। यह परिवर्तन एक दिन में नहीं हुआ, इसकी नींव रखी गई योगी आदित्यनाथ सरकार की दूरदर्शी नीतियों, सख्त मॉनीटरिंग और बेहतर प्लानिंग से, जिसने 2017 से अब तक स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।

मेडिकल कॉलेजों की बाढ़ और एमबीबीएस-पीजी सीटों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी

उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद से मेडिकल कॉलेजों की संख्या में ऐतिहासिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अब प्रदेश में कुल 80 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं, जिनमें 44 सरकारी और 36 निजी हैं। बिजनौर से लेकर गोंडा और कौशांबी तक अब मेडिकल शिक्षा की रोशनी फैल चुकी है। इसके साथ ही एमबीबीएस और पीजी सीटों में भी बेजोड़ इजाफा हुआ है। सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस की 5,250 और निजी कॉलेजों में 6,550 सीटें उपलब्ध हैं, वहीं पीजी स्तर पर भी हजारों सीटें जोड़ी गई हैं।

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आयुष शिक्षा को नया आयाम, गोरखपुर से अयोध्या तक फैलाया आयुर्वेद का प्रकाश

योगी सरकार ने आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी को भी आधुनिक स्वास्थ्य व्यवस्था में खास जगह दी है। अयोध्या और वाराणसी में आयुष कॉलेजों की स्थापना से लेकर महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के गठन तक, यह प्रयास वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को मजबूती देने में निर्णायक साबित हुए हैं।

लखनऊ-कानपुर में सुपर स्पेशियलिटी सेंटर से ग्रामीण क्षेत्रों तक इलाज की पहुंच

राजधानी लखनऊ में कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट और SGPGI में डायबिटीज सेंटर जैसे आधुनिक संस्थान बनाए गए हैं। वहीं IIT कानपुर परिसर में मेडिकल रिसर्च टेक्नोलॉजी की शुरुआत, प्रदेश को विश्वस्तरीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र बना रही है। यह सब राज्य को चिकित्सा नवाचार का केंद्र बनाने की दिशा में निर्णायक कदम हैं।

नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा को भी मिला प्रोत्साहन

प्रदेश में 25 नए नर्सिंग कॉलेजों में निर्माण कार्य शुरू हो चुका है और हजारों नई सीटें जोड़ी गई हैं। बंद पड़े 35 एएनएम केंद्रों को पुनः शुरू किया गया है और ‘मेंटॉर-मेंटी मॉडल’ जैसे नवाचारों से नर्सिंग शिक्षा को नई मजबूती दी गई है।

बिजली से सौर ऊर्जा तक: स्वास्थ्य केंद्रों की नई ऊर्जा नीति

प्रदेश के 72 स्वास्थ्य इकाइयों में पहली बार सौर ऊर्जा की व्यवस्था की गई है। साथ ही 10,000 से ज्यादा स्वास्थ्य उपकेंद्रों को बिजली कनेक्शन से जोड़ा गया है। यह कदम पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवा को स्थायी आधार देने वाला साबित हो रहा है।

515 ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट और 74 क्रिटिकल केयर ब्लॉक तैयार

स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ मिशन के तहत प्रदेश में 4,892 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू की गई हैं। इनमें 515 ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट और 74 क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश का काम पूरा हो चुका है।

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