CM Yogi Adityanath Primary School Action : यूपी में सीएम योगी के निर्देश पर परिषदीय विद्यालयों के जर्जर भवनों को चिन्हित कर ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया तेज, बच्चों की सुरक्षा को लेकर जिम्मेदार अफसरों पर सख्त कार्रवाई के संकेत।
UP Primary School Redevelopment : उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों की तस्वीर अब बदलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बच्चों की सुरक्षा को लेकर दिए गए कड़े संदेश के बाद अब बेसिक शिक्षा विभाग एक्शन मोड में आ गया है। वर्षों से उपेक्षित और खतरे में खड़े जर्जर स्कूल भवनों को लेकर शासन ने बेहद सख्त रुख अपनाया है।
राज्य के हर जिले को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं "सुरक्षा में कोई चूक नहीं चलेगी"। स्कूलों के जर्जर ढांचों की तत्काल चिह्नांकन, सत्यापन, मूल्यांकन और ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब किसी भी अनहोनी की स्थिति में संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी और उन्हें सीधे दोषी मानते हुए सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा में कोताही पर नहीं चलेगा समझौता
शासन की तरफ से निर्देश जारी किए गए हैं कि बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यदि किसी स्कूल भवन में हादसे की जानकारी मिलती है, तो जिम्मेदार अधिकारी पर सीधी कार्रवाई तय मानी जाएगी। इस उद्देश्य से अब हर जिले को निर्देशित किया गया है कि वे जर्जर भवनों की सूची तैयार कर तकनीकी समिति को सौंपें, ताकि समय रहते उनकी जांच और ध्वस्तीकरण सुनिश्चित किया जा सके।
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पहले से चिह्नित भवनों पर भी होगी सख्त नजर
सिर्फ नए भवनों का नहीं, बल्कि पहले से चिह्नित जर्जर स्कूल भवनों का भी मूल्यांकन किया जाएगा। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पुराने आंकड़ों और सूचनाओं की समीक्षा कर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करें।
विलय से मुक्त स्कूलों की सूची में हो रही देरी, जल्द आएंगे आंकड़े
वहीं दूसरी ओर, प्रदेश सरकार ने उन परिषदीय स्कूलों को पेयरिंग से बाहर रखने की घोषणा की थी, जिनमें 50 से अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं। लेकिन भारी बारिश और बाढ़ के कारण इस प्रक्रिया में थोड़ी देरी हो रही है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा के अनुसार, "प्राकृतिक आपदा के चलते कुछ जिलों में विभागीय अधिकारी राहत कार्यों में जुटे हुए हैं, इस कारण पेयरिंग से मुक्त किए जाने वाले स्कूलों की पहचान और सूची तैयार करने में कुछ समय लग रहा है। उम्मीद है कि 4 से 5 दिनों में सूची तैयार हो जाएगी।"
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल के बाद उत्तर प्रदेश में परिषदीय शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ा बदलाव नजर आ रहा है। अब ना केवल बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है, बल्कि शिक्षा के बुनियादी ढांचे को लेकर भी जवाबदेही तय हो रही है। आने वाले दिनों में इसका असर प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों पर दिखाई देना तय है।\
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