
How to reduce electricity bill in Uttar Pradesh: जैसे ही गर्मी का मौसम दस्तक देता है, एयर कंडीशनर, कूलर और पंखों की जरूरत बढ़ जाती है और उसी के साथ बढ़ जाता है बिजली का बिल। उत्तर प्रदेश में ऐसे कई उपभोक्ता हैं जो हर महीने बिजली बिल देखकर हैरान रह जाते हैं। कई बार ये बिल उनकी वास्तविक खपत से ज्यादा होता है, लेकिन वे यह नहीं समझ पाते कि गलती कहां हुई। यह रिपोर्ट आपको बताएगी कि ऐसा क्यों होता है और आप इससे कैसे बच सकते हैं।
बिजली बिल बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे खराब या तेज़ चलने वाला मीटर, गलत रीडिंग, लोड में बदलाव, या नया कोई पावरफुल उपकरण लगाना। कई बार मीटर की गड़बड़ी उपभोक्ताओं को अनावश्यक आर्थिक बोझ डाल देती है, खासकर जब वे खुद रीडिंग की पुष्टि नहीं करते।
बिजली मीटर की रीडिंग को लेकर सबसे ज्यादा विवाद होते हैं। उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे समय-समय पर अपने मीटर की फोटो लें और यूनिट्स नोट करें। यदि बिल में दिए गए यूनिट्स से रियल मीटर रीडिंग मेल नहीं खा रही, तो UPPCL को शिकायत करना जरूरी है।
अगर आपको लगता है कि बिल गलत आया है, तो आप UPPCL की वेबसाइट (https://www.uppcl.org), मोबाइल ऐप या टोल फ्री नंबर 1912 पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। शिकायत के साथ उपभोक्ता संख्या, मीटर की तस्वीर और पिछले बिल की कॉपी देना जरूरी होता है।
पिछले 3–6 महीनों के बिलों की तुलना करना बेहद जरूरी है। इससे आपको यह अंदाजा लगेगा कि खपत में कोई बदलाव हुआ है या नहीं। अगर खपत समान है और फिर भी बिल बढ़ा है, तो यह किसी टैरिफ परिवर्तन या फ्यूल सरचार्ज की वजह हो सकता है।
पुराना या तेज़ी से चलने वाला मीटर उपभोक्ता के लिए नुकसानदायक होता है। ऐसे में आप मीटर जांच या रिप्लेसमेंट के लिए UPPCL में आवेदन कर सकते हैं। विभाग मीटर को लैब में जांच कर उसके सही या खराब होने का निर्धारण करेगा।
यदि आपका कनेक्शन घरेलू की जगह गलती से कमर्शियल श्रेणी में दर्ज है, तो आपके बिल पर सीधा असर पड़ेगा क्योंकि कमर्शियल टैरिफ ज्यादा होता है। ऐसे में बिजली विभाग में आवेदन देकर कैटेगरी को सही करवाना जरूरी है।
LED बल्ब, 5 स्टार रेटेड उपकरण और इन्वर्टर तकनीक के पंखों का इस्तेमाल करने से बिजली की खपत में भारी कमी लाई जा सकती है। एयर कंडीशनर को 24 से 26 डिग्री के बीच चलाना, गीजर और हीटर का सीमित इस्तेमाल करना भी कारगर साबित होता है।
बिजली बिल की समस्या केवल तकनीकी नहीं बल्कि जागरूकता की भी है। अगर उपभोक्ता समय-समय पर अपने मीटर की निगरानी करें, स्मार्ट तरीके से बिजली का उपयोग करें और बिजली विभाग से संवाद बनाए रखें, तो भारी बिल से बचा जा सकता है। याद रखें, सतर्क उपभोक्ता ही सशक्त उपभोक्ता होता है।
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