
राजधानी के प्रतिष्ठित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में डॉक्टरों की कथित लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। बीकेटी क्षेत्र निवासी अंकित मिश्रा ने आरोप लगाया कि उनके पिता को तीसरा हार्ट अटैक आने के बाद लारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन करीब एक घंटे तक इमरजेंसी में कोई इलाज नहीं किया गया।
अंकित का कहना है कि रात 1 बजे दर्द से कराहते हुए उनके पिता को जब लारी अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया, तो वहां मौजूद डॉक्टरों ने न केवल इलाज करने से मना कर दिया बल्कि उन्हें वहां से भगा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि डॉ. गौरव नामक एक चिकित्सक ने बदसलूकी की और कहा, “यह अस्पताल किसी के बाप का नहीं है।”
पीड़ित का कहना है कि जब पिता को मूत्र त्याग की आवश्यकता थी, तो डॉक्टरों ने कैथेटर लगाने से इनकार करते हुए कहा कि स्वयं लगा लें। अंकित ने आरोप लगाया कि इस दौरान अस्पताल स्टाफ ने उनके साथ मारपीट भी की और बाहर निकाल दिया।
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गुरुवार देर रात तीसरा हार्ट अटैक आने के बाद अंकित ने अपने पिता को SM अस्पताल (बिठौली) में भर्ती कराया, जहां से उन्हें लारी अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन वहां पहुंचने के बाद इलाज के बजाय कथित उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। अंकित के मुताबिक, शुक्रवार सुबह 10:30 बजे उनके पिता को ICU में भर्ती किया गया लेकिन कुछ ही घंटे बाद उन्हें सामान्य ICU में शिफ्ट कर दिया गया। इस पूरे मामले में पीड़ित परिवार ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से न्याय की अपील की।
यह घटना वीडियो के माध्यम से सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। मामला डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक तक पहुंचा, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की गई। ब्रजेश पाठक ने खुद कॉल कर अंकित मिश्रा से बात की और उनके पिता का समय पर इलाज सुनिश्चित कराया। अंकित मिश्रा ने दूसरा वीडियो साझा करते हुए डिप्टी सीएम का आभार व्यक्त किया और उन्हें “मसीहा” कहा। पीड़ित परिवार ने कहा कि अगर समय पर हस्तक्षेप न होता तो उनके पिता की जान खतरे में पड़ सकती थी।
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