
कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में बच्चों की लगातार हो रही मौतों ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया है। पिछले 24 घंटों में दो और मासूमों की जान चली गई। अब स्थिति यह है कि एक सप्ताह के भीतर पांच बच्चों की मौत हो चुकी है और दर्जनों बीमार हैं। ग्रामीण भय और चिंता में जी रहे हैं, जबकि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
पिपरा खुर्द गांव की दलित बस्ती में 7 वर्षीय सागर और 3 वर्षीय अंश की तबीयत अचानक बिगड़ गई। पहले बुखार, फिर तेज खांसी और झटके आने के बाद परिजन उन्हें इलाज के लिए दौड़ाते रहे। पहले झोलाछाप डॉक्टर, फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और अंत में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज पहुंचाने तक दोनों की मौत हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और समय पर इलाज न मिलने से बच्चों की जान गई।
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बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने गांव में जांच अभियान शुरू कर दिया है। अब तक:
इसके साथ ही, गांव में साफ-सफाई और पीने के पानी की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
कुशीनगर के जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने कहा:
डीएम ने आश्वासन दिया कि किसी भी हाल में हालात को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा।
लगातार हो रही बच्चों की मौत ने यह सोचने को मजबूर कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं आखिर कब बेहतर होंगी।ग्रामीणों का आरोप है:
लोगों का कहना है कि अगर व्यवस्था समय रहते जाग जाती, तो कई बच्चों की जान बच सकती थी।
गांव में लोग चिंतित हैं कि यह बीमारी और भी न फैले। परिजनों की मांग है कि सरकार स्थिति पर विशेष ध्यान दे और स्थायी स्वास्थ्य समाधान उपलब्ध कराए।
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