
बाराबंकी। पूर्वांचल में वर्चस्व की लड़ाई से उपजे बाहुबली, पहले माफिया या डॉन कहे जाने पर फख्र महसूस करते थे। योगी सरकार के अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के बाद अब वही बाहुबली इस संबोधन से पीछा छुड़ाना चाहते हैं। माफिया मुख्तार अंसारी भी इसी वजह से भयभीत है और वकील के जरिए कोर्ट में अर्जी देकर माफिया, बाहुबली, डॉन कहकर न बुलाने की गुहार लगाई है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में दी अर्जी
बाराबंकी के एआरटीओ कार्यालय में फर्जी तरीके से एंबुलेंस रजिस्ट्रेशन के प्रकरण में बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई। इस दौरान मुख्तार कानून से भयभीत नजर आया। इसके पहले मुख्तार ने बीती 25 अप्रैल की पेशी में वकील से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात करने के लिए अदालत से दरख्वास लगाई थी। वह अपने बचाव को लेकर वकील से बातचीत करना चाहता है।
10 मई को पेशी की अगली तारीख तय
बुधवार को पेशी के दौरान उसके वकील ने मीडिया द्वारा मुख्तार के खिलाफ इस्तेमाल किए जा रहे माफिया व अन्य शब्दों पर रोक के लिए अर्जी दी गई। दोनों मुद्दों पर अधिवक्ताओं की तरफ से बहस के बाद 10 मई को पेशी की अगली तारीख तय की गई है। उसी दिन इन मुद्दों पर फैसला दिया जा सकता है।
विधायक मुख्तार अंसारी अभी बांदा जेल में निरूद्ध है। बाराबंकी एआरटीओ आफिस में एंबुलेंस के फर्जी तरीके से पंजीकरण के केस में मुख्तार समेत 13 के खिलाफ केस दर्ज है। यह मुकदमा 24 मार्च 2022 को दर्ज किया गया था। जनवरी 2023 में अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्तार के वकील का कहना है कि उनके मुवक्किल मुख्तार अंसारी के खिलाफ मीडिया ट्रायल चल रहा है। मीडिया द्वारा माफिया व अन्य शब्दों का प्रयोग अनुचित है। इसको लेकर अर्जी दी गई है।
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