उत्तर प्रदेश की राजधानी फतेह अली रेलवे कॉलोनी में एक मकान ढह जाने से दबकर 5 लोगों की मौत हो गई। इस कॉलोनी में 200 से अधिक घर हैं। कॉलोनी के ज्यादातर मकान जर्जर हो चुके हैं, बावजूद रेलवे इन्हें खाली नहीं करवा पाया है।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी फतेह अली रेलवे कॉलोनी में एक मकान ढह जाने से दबकर 5 लोगों की मौत हो गई। इस कॉलोनी में 200 से अधिक घर हैं। कॉलोनी के ज्यादातर मकान जर्जर हो चुके हैं, बावजूद रेलवे इन्हें खाली नहीं करवा पाया है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, हादसा देर रात हुआ। लखनऊ में जारी बारिश से मकान और खराब हो चुके थे। सुबह सफाईकर्मियों ने इस हादसे की सूचना पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची।
लखनऊ रेलवे कालोनी मकान ढहा, पढ़िए हादसे की वजह
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की फतेह अली कॉलोनी के जर्जर मकानों में 200 से अधिक परिवार रहते हैं। इन मकानों को कंडम घोषित किया जा चुका है। लखनऊ में पिछले कुछ दिनों से लगतार बारिश हो रही है। इसी के चलते एक जर्जर मकान 15 सितंबर की रात ढह गया। घटना की जानकारी तब पता चली, जबा सुबह मृतक के बेटे को उसका दोस्त बुलाने आया। उसने घर दरवाजा खटखटाया, पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
मौके पर पहुंची टीम ने मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकाला। उन्हें इलाज के लिए लोकबंधु अस्पताल भेजा गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मरने वालों में-सतीश चंद्र (40), सरोजनी देवी (35), हर्षित (13), हर्षिता (10) और अंश (5) शामिल हैं।
डीसीपी पूर्व हृदेश कुमार ने बताया कि पुरानी रेलवे कॉलोनी में घर की छत ढहने से यह हादसा हुआ। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने हादसे पर दु:ख जताते हुए त्वरित राहत कार्य के निर्देश दिए। डिप्टी सीएम ने अधिकारियों से फोन पर घटना की जानकारी ली। उन्होंने आश्वासन दिलाया कि पीड़ित परिवार को हर संभव मदद दी जाएगी।
बताया जाता है कि सतीश चंद्र के पिता रामचंद्र रेलवे में थे। उन्हें रेलवे में अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। वे अपने परिवार के साथ रहते थे। सतीश चंद्र के भाई अमित भी रेलवे में है।
यह भी पढ़ें
बरेली SDM ने 'पप्पू' को क्यों बना दिया दफ्तर में मुर्गा?
PM मोदी नहीं, कोई और करेगा 'रामलला' की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा