महाकुंभ 2025: पहले स्नान पर 1.65 करोड़ ने लगायी आस्था की डुबकी

Published : Jan 13, 2025, 06:52 PM ISTUpdated : Jan 13, 2025, 11:55 PM IST
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सार

प्रयागराज महाकुंभ 2025 का पहला स्नान पौष पूर्णिमा पर हुआ। 1.65 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। सीएम योगी ने श्रद्धालुओं का अभिनंदन किया।

MahaKumbh 2025 First Shahi Snan: प्रयागराज महाकुंभ 2025 की शुरूआत सोमवार को पहले स्नान के साथ हुआ। पौष पूर्णिमा के दिन पहले स्नान पर संगम में शाम तक 1.65 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी। महाकुंभ में लोगों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ में कम से कम 40 करोड़ लोगों के आने का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि, पहले दिन उमड़े जनसमुदाय को देखकर यह आंकड़ा और बढ़े इससे इनकार नहीं किया जा सकता। सोमवार को संगम में डुबकी लगाने वालों में देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं के अलावा बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी भी शामिल रहे। योगी सरकार की ओर से श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर्स से पुष्पवर्षा भी की गई।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया अभिनंदन

पहले शाही स्नान पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बधाई दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने एक्स हैंडल पर कहा:मानवता के मंगलपर्व 'महाकुम्भ 2025' में 'पौष पूर्णिमा' के शुभ अवसर पर संगम स्नान का सौभाग्य प्राप्त करने वाले सभी संतगणों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन। प्रथम स्नान पर्व पर आज 1.50 करोड़ सनातन आस्थावानों ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया। प्रथम स्नान पर्व को सकुशल संपन्न कराने में सहभागी महाकुम्भ मेला प्रशासन, प्रयागराज प्रशासन, यूपी पुलिस, नगर निगम प्रयागराज, स्वच्छाग्रहियों, गंगा सेवा दूतों, कुम्भ सहायकों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों, विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों तथा मीडिया जगत के बंधुओं सहित महाकुम्भ से जुड़े केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों को हृदय से साधुवाद।

आज से ही 45 दिनों का कल्पवास भी करेंगे श्रद्धालु

महाकुंभ में आने वाले सैकड़ों श्रद्धालु, सोमवार से ही कुंभ क्षेत्र में 45 दिनों का कल्पवास भी प्रारंभ करेंगे। महाकुंभ का यह संयोग ज्योतिषीय गणना के अनुसार अद्भुत है। यह करीब 144 साल बाद बना है। । 

स्नान-ध्यान के बाद लोगों ने दान पुण्य भी किया

संगम स्नान के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने दानपुण्य भी किया। बुजुर्ग लोगों ने संगम तट पर ही गौदान किया और प्रभु से प्रार्थना की। प्रत्येक घाट पर ऐसा अद्वितीय नजारा देखने को मिला। मान्यता है कि कल्पवास के दौरान किया गया तप हर पाप को नष्ट कर देता है और मोक्ष का मार्ग खोलता है। 

कल्पवास के दौरान श्रद्धालु पवित्र नदियों के संगम पर ध्यान, भजन और वेद पढ़कर समय बिताते हैं। सांसारिक मोह-माया से दूर, यहां भौतिक सुखों का त्याग कर दिव्य ऊर्जा से जुड़ने का प्रयास किया जाता है

चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था सख्त

संगम क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था की कई लेवल पर निगरानी की जा रही थी। सीसीटीवी कैमरों से कंट्रोल रूम से निगरानी के साथ ही सिविल पुलिस के अलावा पीएसी व केंद्रीय बल भी तैनात किया गया है। 

एनएसजी कमांडोज भी सुरक्षा की कमान संभाले हुए हैं। ड्रोन आदि से भी मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। जगह-जगह जांच किया जा रहा है। मेला क्षेत्र में शाही स्नान को देखते हुए एक दिन पहले से ही गाड़ियों को प्रतिबंधित कर दिया गया था। महाकुंभ में 44 घाटों पर लोगों ने पवित्र स्नान किया।

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