महराजगंज जिले में नसबंदी से जुड़े मामले का खुलासा हुआ, जिसमें पेंशन का लालच देकर अविवाहित, मानसिक रूप से बीमार और विधुरों की नसबंदी कर दी गई।
Maharajganj News: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में जांच के नाम पर कुंवारों और विधुरों की नसबंदी कर दी गई। यह मामला जब सामने आया तो हड़कंप मच गया। बताया जा रहा कि सरकारी बाबू ने पेंशन का लालच देकर अविवाहित, मानसिक रूप से बीमार और विधुरों की धोखे से नसबंदी करवा दी। ऑपरेशन करवाकर जब ये लोग घर पहुंचे और हल्का दर्द महसूस हुआ तब जाकर इसका खुलासा हुआ। दर्द वाली जगह चेक किया तो इनके होश उड़ गए। उन्होंने देखा कि उनके प्राइवेट पार्ट पर टांका लगा हुआ है। डॉक्टर ने बताया कि उनकी नसबंदी कर दी गई है। जांच के नाम पर धोखे से नसबंदी की घटना ने स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिकारियों ने इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
महराजगंज के पीड़ितों की आपबीती
नौतनवा तहसील क्षेत्र के कैथवलिया उर्फ बरगदही गांव से जुड़े नसबंदी मामले पर पीड़ितों ने आपबीती सुनाई। एक आदमी ने कहा- "मेरी पत्नी की मौत हो चुकी है। दो दिन पहले आशा वर्कर उनके घर आई और विधुरों के लिए एक पेंशन स्कीम की बात कही। उन्होंने कहा कि स्कीम के लिए एक स्वास्थ्य परीक्षण कराना होगा। जांच के नाम पर ले जाकर नसबंदी कर दी।" एक अन्य व्यक्ति ने कहा- "अभी तक मेरी शादी भी नहीं हुई है और स्वास्थ्य कर्मियों ने नसबंदी कर दी। मैं चाहता हूं कि दोषियों पर सख्त-से-सख्त कार्रवाई हो।''
पुरुष नसबंदी से जुड़ी मुख्य बातें
शुक्रवाहिका को काटना: सर्जरी के दौरान, डॉक्टर शुक्रवाहिका (vas deferens) को काटते हैं और उसके छोर को बांधते हैं या सील कर देते हैं, जिससे शुक्राणु अंडकोष से बाहर नहीं निकल सकते।
स्थायी जन्म नियंत्रण: यह एक स्थायी जन्म नियंत्रण विधि (Birth Control Way) है। एक बार नसबंदी हो जाने के बाद कोई भी पुरुष बच्चा पैदा करने की स्थिति में नहीं रहता है।
सुरक्षित और प्रभावी: यह प्रक्रिया सुरक्षित और अत्यधिक प्रभावी मानी जाती है। आमतौर पर इस प्रक्रिया के बाद जटिलताएं कम होती हैं।
प्रजनन क्षमता का नुकसान: सफल नसबंदी के बाद, पुरुष किसी महिला को गर्भवती नहीं कर सकता, क्योंकि शुक्राणु वीर्य (Sperm) में नहीं होते।
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