
लखनऊ: केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को जमानत पर रिहा करने के आदेश पर बुधवार को सत्र अदालत ने हस्ताक्षर किया। अदालत ने उनके जमानत मुचलके को स्वीकार कर लिया है। लखनऊ सत्र न्यायाधीक्ष द्वारा हस्ताक्षरित रिहाई आदेश में अधीक्षक जिला जेल लखनऊ को निर्देशित किया गया है कि कप्पन किसी दूसरे मामले में वांछित नहीं है तो निजी मुचलका प्राप्त कर उसे रिहा कर दिया जाए।
शांति भंग की आशंका को लेकर हुई थी गिरफ्तारी
आपको बता दें कि 5 अक्टूबर 2020 को हाथरस में अशांति पैदा करने की साजिश के आरोप में उन्हें तीन अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था। हाथरस में एक दलित युवती के साथ हुई घटना के मामले में ही वह वहां पर जा रहा थे। उनका कहना था कि पत्रकार होने के नाते वह मामले की रिपोर्ट करने के लिए वहां पर जा रहे हैं। हालांकि इसी बीच उन्हें शांति भंग करने की आशंका के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में उन पर यूएपीए के तहत केस दर्ज कर लिया गया था। आरोप लगाया गया था कि वह और उनके साथ के लोग सांप्रदायिक दंगे भड़काने और हाथरस गैंगरेप हत्या मामले में सामाजिक सद्भाव को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे।
2020 में खारिज हो गई थी याचिका
बीते साल सितंबर में उन्हें सुप्रीम कोर्ट सेस तमाम मामलों में जमानत मिल गई थी। हालांकि एक मामला लंबित होने के चलते वह जेल से बाहर नहीं आ सके थे। अक्टूबर 2020 में लखनऊ सत्र अदालत ने पीएमएलए मामले में उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। फिलहाल कोर्ट की ओर से बुधवार को उन्हें जमानत दे दी गई है। इसके बाद माना जा रहा है कि जल्द ही सिद्दीकी कप्पन की रिहाई हो जाएगी। वहीं सिद्दीकी कप्पन को रिहा करने का आदेश जारी होने के बाद उनके तमाम समर्थकों ने खुशी की लहर देखी जा रही है।
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