
PM Surya Ghar Yojana Lucknow: लखनऊ के आसमान में सिर्फ सूरज नहीं, अब लोगों की उम्मीदें भी चमक रही हैं। राजधानी के हजारों परिवार अब पीएम सूर्य घर योजना से जुड़कर बिजली पर खर्च होने वाला बजट बचा रहे हैं और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रहे हैं। कभी वीआईपी लोगों की पहचान माने जाने वाले सोलर रूफटॉप अब आम घरों की छतों पर आसानी से देखे जा सकते हैं।
लखनऊ में हर दिन 1,55,668 किलोवाट बिजली सौर ऊर्जा से तैयार की जा रही है। इसमें गोमती नगर जोन बिजली उत्पादन में सबसे आगे है, जहां 50,000 किलोवाट प्रतिदिन सोलर पैनलों से तैयार हो रही है। हालांकि, अमौसी जोन ने उपभोक्ता संख्या के मामले में बाजी मार ली है, जहां 11,821 लोगों ने अपने घरों पर सोलर पैनल लगवा लिए हैं।
चिनहट खंड में सबसे ज्यादा 3,569 उपभोक्ता सोलर पैनल का लाभ ले रहे हैं। वहीं गोमती नगर (3,065) और मुंशी पुलिया (3,003) भी इस दौड़ में पीछे नहीं हैं। वृंदावन कॉलोनी (2007) और कानपुर रोड (2601) क्षेत्रों में भी जागरूकता तेजी से बढ़ी है।
हालांकि, पुराने लखनऊ के क्षेत्रों जैसे चौक (360), रेजिडेंसी (367) और ठाकुरगंज (1200) में सौर ऊर्जा के प्रति अभी भी रुचि कम देखने को मिल रही है।
शहर ही नहीं, ग्रामीण इलाकों में भी पीएम सूर्य घर योजना की धूम है। राजाजीपुरम (1900), रहीमनगर (2521), डालीगंज (1363) और सीतापुर रोड (1700) में लोग तेजी से इस योजना से जुड़ रहे हैं।
मुख्य अभियंता रजत जुनेजा के अनुसार, "सरकार की सब्सिडी, जागरूकता अभियान और सस्ती तकनीक की वजह से अब सोलर पैनल आम जनता की पहुंच में आ गए हैं। तीन साल के अंदर लागत निकल जाती है और फिर सालों तक मुफ्त बिजली मिलती है।"
राजधानी लखनऊ में पीएम नरेंद्र मोदी का सपना धीरे-धीरे साकार हो रहा है। अब घरों की छतें केवल छांव ही नहीं, ऊर्जा का स्रोत बन चुकी हैं। लखनऊ एक उदाहरण बन रहा है कि कैसे सरकारी योजनाएं यदि सही दिशा में लागू की जाएं, तो आम आदमी का जीवन कैसे बदल सकता है।
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