अतीक-अशरफ हत्याकांड: माफिया के साबरमती जेल से निकलते ही शुरू हो गया था ऑपरेशन, रेकी कर बनाई गई थी पूरी योजना

Published : Apr 23, 2023, 10:15 AM IST
atiq ahmed and ashraf shot dead

सार

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या से पहले तीनों शूटरों ने रेकी करना शुरू कर दिया था। दरअसल साबरमती जेल से निकलते ही अतीक ऑपरेशन शुरू कर घटना को अंजाम दिया।

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के जिले प्रयागराज में बीते दिनों कैमरे के सामने पुलिस हिरासत में हुई बाहुबली अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। तीनों शूटरों से पूछताछ के दौरान एसआईटी को मिली जानकारी के अनुसार यहीं इशारा करती है कि हमलावरों ने ऑपरेशन अतीक तो माफिया के साबरमती जेल से प्रयागराज के लिए रवाना होने के साथ ही शुरू हो गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि शूटर पल-पल के बारे में पता कर रहे थे और पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर होते ही तीनों शूटर प्रयागराज आ पहुंचे।

कई सवालों के जवाब आना है अभी बाकी

एसआईटी की पूछताछ में स्थिति साफ हो चुकी है कि तीनों शूटरों को दो मददगार हर तरह से गाइड कर रहे थे। उनमें से एक स्थानीय मददगार और दूसरा बाहरी है। उसी ने शूटरों को रास्तों से परिचय कराया और शक यह भी है कि इसी ने शूटरों को बताया कि कहां पर ठहरें। स्थानीय मददगार की सहायता से ही शूटर हत्याकांड के तीन दिन पहले पहुंचे और खुल्दाबाद थाने से लगे ऐसे होटल में रूके, जहां से कॉल्विन अस्पताल की दूरी सिर्फ कुछ मिनटों में तय की जा सकती है। फिलहाल माफिया के हत्यारे शहर में कब दाखिल हुए, किन लोगों से उनकी मुलाकात हुई साथ ही अस्पताल के नजदीक होटल में उनके ठहरने का बंदोबस्त किसने कराया? इस तरह के सवालों का जवाब आना अभी बाकी है।

शूटरों के लिए 1600 रुपए का कमरा किया था बुक

अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच में यह भी सामने आया है कि प्रयागराज जंक्शन के सामने स्थित होटल में था। तीनों शूटरों के ठहरने के लिए वातानुकूलित कमरा 1600 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से बुक कराया गया था। होटल का कमरा नंबर-203 तीनों के लिए बुक था। उसकी चाभी अतीक-अशरफ हत्याकांड के अगले दिन (16 अप्रैल) से एसटीएफ के पास है। वहीं दूसरी ओर होटल प्रबंधक मोहित का कहना है कि हत्या के दूसरे दिन ही पुलिस होटल आई थी। तीनों युवक जिस कमरें में रूके थे, वहां की तलाशी लेने के बाद कमरे की चाभी समेत होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग, शूटरों की आईडी, आगंतुक रजिस्टर व अन्य रिकॉर्ड भी पुलिस ले गई थी।

तीनों युवक होटल से कभी नहीं निकले एक साथ

होटल प्रंबधक के अनुसार तीनों युवक 13 अप्रैल की रात करीब 8:30 बजे होटल में दाखिल हुए थे। उसके बाद तीन दिन तक तीनों बाहर भी गए लेकिन एक साथ नहीं। तीनों युवक बारी-बारी से बाहर आते-जाते थे और अपनी जरूरतों के हिसाब से नाश्ता, खाना, पानी की बोतलें या कॉफी होटल की रूम सर्विस सेवा के जरिए मंगाया करते थे। दूसरी ओर पुलिस सूत्रों का कहना है कि पेशी वाले दिन ही रेकी करके अतीक-अशरफ के लिए हत्या के लिए मुफीद स्थान चुन लिया और कॉल्विन अस्पताल के गेट को बनाया था। इसी वजह से अस्पताल के पास वाले होटल में ठहरे भी थे।

रिमांड की अवधि पूरी होने पर होना था चेकअप

अतीक-अशरफ की रिमांड पर मंजूरी मिलने के बाद पहली रात दोनों को 10:30 बजे जब धूमनगंज थाने ले जाया गया। उसके बाद वहां बैरिकेडिंग करा दी गई थी ताकि कोई फरियादी तक थाना परिसर में दाखिल न हो सके। अभेद्य सुरक्षा निगरानी में दोनों भाइयों से उस रात 3:30 बजे तक पूछताछ चली। वहीं दोनों भाइयों को पुलिस हिरासत में लिए जाने से पहले सीजेएम कोर्ट के निर्देश पर चिकित्सकीय परीक्षण कराया जा चुका था। मगर दोबारा चिकित्सकीय परीक्षण 17 अप्रैल को हिरासत की अवधि पूरी होने पर कराया जाना था लेकिन रिमांड पर लिए जाने के बाद 14 अप्रैल से ही उन्हें लगातार दो दिन तक अस्पताल लाया जाता रहा। पुलिस भी इस सवाल पर मौन है कि यह किसके आदेश पर किया गया।

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