40 लाख सैलरी-400 कर्मचारियों के थे बॉस, अब महाकुंभ में छा गए MTech बाबा

Published : Jan 21, 2025, 03:52 PM ISTUpdated : Jan 21, 2025, 05:57 PM IST
Prayagraj mahakumbh 2025 mtech baba 40 lakh salary to sadhu baba life journey

सार

₹40 लाख की नौकरी और 400 कर्मचारियों के मालिक, एमटेक बाबा ने सब त्याग दिया। हरिद्वार में 10 दिन भीख मांगी और अब महाकुंभ में अपनी आध्यात्मिक यात्रा जारी रखी है।

13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ मेला एक बार फिर साधु-संतों और श्रद्धालुओं से भर गया है। इस बार की खासियत यह है कि साधु-संतों के बीच कुछ ऐसे भी बाबा हैं जो अपनी अनोखी जीवन यात्रा के कारण सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। इनमें से एक हैं दिगंबर कृष्ण गिरि, जिन्हें लोग "एमटेक बाबा" के नाम से जानते हैं।

जनरल मैनेजर से लेकर साधु बनने तक का सफर

दिगंबर कृष्ण गिरि कभी एक बड़े कारोबार के मालिक थे, जिनकी सालाना सैलरी 40 लाख रुपये थी और उनके अधीन 400 कर्मचारी काम करते थे। वह बेंगलूर के रहने वाले हैं और कर्नाटक यूनिवर्सिटी से एमटेक की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने कई नामी कंपनियों में काम किया। आखिरी नौकरी में वह दिल्ली में एक निजी कंपनी में जनरल मैनेजर थे, लेकिन फिर उनका जीवन एक ऐसे मोड़ पर आया, जिससे उनकी पूरी दुनिया बदल गई।

यह भी पढ़ें : अमेरिका से PHD करने वाली लड़की कैसे बन गई साध्वी? जानिए कौन है भगवती सरस्वती?

गंगा में प्रवाहित किया सब कुछ

दिगंबर कृष्ण गिरि बताते हैं कि 2010 में उन्होंने संन्यास लेने का निर्णय लिया और 2019 में नागा साधु बन गए। इसके बाद उन्होंने हरिद्वार में 10 दिनों तक भीख मांगी, ताकि वह खुद को मानसिक शांति दे सकें।वह बताते हैं, "मेरे पास जो कुछ भी था, उसे गंगा में प्रवाहित कर दिया। मैंने महसूस किया कि ज्यादा पैसे होने से आदतें खराब हो जाती हैं और दिमाग को शांति नहीं मिल पाती”।

निरंजन अखाड़ा से जुड़ी नई शुरुआत

अपने नए जीवन की शुरुआत के बारे में बताते हुए वह कहते हैं, "मैंने गूगल पर निरंजन अखाड़ा के बारे में सर्च किया और फिर वहां महंत श्री राम रतन गिरी महाराज से दीक्षा ली।" वह अब उत्तरकाशी के एक छोटे से गांव में साधु जीवन जी रहे हैं।

आध्यात्मिक यात्रा की प्रेरणा

एमटेक बाबा की कहानी यह साबित करती है कि सही रास्ते पर चलने के लिए सिर्फ दौलत नहीं, बल्कि आत्मिक शांति भी जरूरी है। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि कभी भी जीवन में कुछ नया करने के लिए हमें अपने भूतकाल को पीछे छोड़कर एक नया अध्याय शुरू करना चाहिए। महाकुंभ के इस माहौल में, उनकी उपस्थिति एक प्रेरणा बनकर सामने आई है।

यह भी पढ़ें : महाकुंभ के बाद कहां चले जाते हैं नागा साधु, क्या है साधुओं की रहस्यमयी दुनिया?

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

उत्तर प्रदेश बना ग्लोबल निवेशकों की पहली पसंद, योगी सरकार की नीतियों से बढ़ा अंतरराष्ट्रीय भरोसा
ग्रामीण आजीविका मिशन: मीरजापुर की सुशीला देवी बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल