यूपी के जिले प्रयागराज में श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड मामले में जिला जज की कोर्ट ने तीनों आरोपियों पर आरोप तय किए है। इसके साथ ही सीबीआई ने तीनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जिले प्रयागराज में श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपियों पर जिला जज की कोर्ट ने तीनों पर आरोप तय किए है। कोर्ट ने यह आरोप धारा 306, 120 बी के अंतर्गत तय किए है। इसके साथ ही साक्ष्य के लिए 13 अप्रैल की तारीख कोर्ट ने तय की है। वहीं सीबीआई ने भी तीनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। बता दें कि 20 सितंबर 2021 को मंहत नरेंद्र गिरी मृत पाए गए थे। जिसके बाद शहर के जार्जटाउन थाने में दर्ज किया था।
13 अप्रैल को होगी महंत मामले की सुनवाई
महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या को लेकर आनंद गिरि समेत बड़े हनुमान मंदिर के पूर्व मुख्य पुजारी आद्या प्रसाद व उनके बेटे संदीप तिवारी पर जिला न्यायालय ने आरोप तय किए है। तीनों के खिलाफ आरोप तय होने के लिए पहली तारीख 21 दिसंबर 2021 नियत की गई थी। इसके बाद कोई न कोई वजह बताकर आनंद गिरि के अधिवक्ता ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर 38 बार तारीख पर तारीख लेते रहे। मगर इस बार मामले में अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी।
19 पेज की चार्जशीट पर 152 लोगों के दर्ज हुए थे बयान
वहीं श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने मामले में सीबीआई ने भी 28 सितंबर से चार अक्टूबर तक आनंद गिरी को अभिरक्षा में लेकर कई अहम साक्ष्य जुटाए थे। जिसके बाद सीबीआई ने कोर्ट से आनंद गिरी, आद्या प्रसाद व संदीप तिवारी का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की इजाजत मांगी थी। मगर आरोपितों की सहमति नहीं होने की वजह से अनुमति नहीं मिली। उसके बाद 20 नवंबर को सीबीआई का आरोप पत्र दाखिल होने के बाद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सेशन कोर्ट को फाइल सौप दी। करीब 19 पेज की चार्जशीट पर सीबीआई ने 152 लोगों के बयान दर्ज किए थे।
साल 2021 में महंत ने कमरे में की थी आत्महत्या
बता दें कि साल 2021 की 20 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरि का शरीर मठ के कमरे में रस्सी के फंदे से लटकी मिली थी। घटनास्थल पर मिले सुसाइड नोट के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप पुराने शिष्य आनंद गिरि, बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी पर लगा था। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था। इसके साथ ही शासन ने इस प्रकरण की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी।
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