स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से रामचरितमानस पर की गई टिप्पणी के बाद सपा नेता नवीन दुबे ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी में समाजवाद नहीं बल्कि जातिवादी व्यवस्था है।
नोएडा: स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से आहत होकर सपा नेता नवीन दुबे ने रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सेक्टर 74 स्थित सुपरटेक केपटाउन निवासी नवीन दुबे ने पार्टी को अपना इस्तीफा भेजते हुए लिखा कि 3 दिसंबर 2020 को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने उन्हें पार्टी में शामिल करवाया था। उन्होंने अपनी टीम के साथ हर मोर्चे पर पार्टी में ईमानदारी से काम किया। सभी जगहों पर समाजवाद की आवाज को मुखर होकर लोगों के सामने रखा। हालांकि वह स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी से आहत हैं।
खुलकर सामने आने लगी नेताओं की नाराजगी
नवीन दुबे ने लिखा कि रामचरितमानस और भगवान श्रीराम पर स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी के बाद बी उन्हें पार्टी से निष्कासित नहीं किया गया। इसके बजाए उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया गया। वह अनुभव कर रहे हैं कि पार्टी में वह जो समाजवाद समझ रहे थे वह नहीं है। पार्टी में जातिवादी व्यवस्था है और इसी के चलते वह प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहे हैं। वहीं सपा ग्रामीण के निवर्तमान जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव की ओऱ से जानकारी दी गई कि नवीन दुबे राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी की नीतियों के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। इसी के चलते उन्हें पार्टी से हटा दिया गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी इसकी जानकारी दे दी गई है। पार्टी के खिलाफ इस तरह की बयानबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
रामचरितमानस को लेकर की गई थी विवादित टिप्पणी
आपको बता दें कि बीते दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से रामचरितमानस को लेकर विवादित टिप्पणी की गई थी। इसी के चलते तमाम पार्टी के नेताओं ने नाराजगी भी देखने को मिल रही है। कुछ नेताओं के द्वारा खुलकर स्वामी प्रसाद का विरोध भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में नवीन दुबे ने भी पार्टी से इस्तीफा देकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है।
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