
मिर्जापुर: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान के बाद वह संत-महात्मा और लोगों के निशाने पर आ गए हैं। उनके बयान के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बता दें कि इसी क्रम में अयोध्या के स्वामी जीयर करपात्री महाराज ने भी मौर्य के बयान पर नाराजगी जताते हुए सपा नेता स्वामी प्रसाद का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की। जीयर करपात्री ने कहा कि बीजेपी सरकार में मंत्री पद पर रहते हुए मलाई काटते समय मौर्य क्यों नहीं बोले। उन्होंने कहा कि भाजपा से हटने के बाद उनकी हवा निकल रही है। वह लोग टीआरपी बढ़ाना चाहते हैं।
माता विंध्यवासिनी के दर्शन करने पहुंचे करपात्री महाराज
स्वामी जीयर करपात्री महाराज रविवार को माता विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए मिर्जापुर पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने कहा कि अगर कृष्ण की बड़ी बहन माता विंध्यवासिनी न होती तो न कृष्ण होते, न महाभारत होती और न भागवत होती, न गीता होती। सनातन संस्कृति पर किए जा रहे हमले को जीयर करपात्री महराज ने मानसिक दिवालियापन बताया। उन्होंने कहाकि सनातन संस्कृति हमेशा ही अहिंसावादी रही है। इसके अलावा उन्होंने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री पर की जा रही घेराबंदी की भी निंदा की।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर का किया समर्थन
उन्होंने कहा कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र अच्छा काम कर रहे हैं। करपात्री महाराज ने कहा कि भगवान चमत्कार का नहीं बल्कि आस्था का विषय हैं। माता विंध्यवासिनी में हमारी आस्था है। सनातन धर्म के लिए चमत्कार की जरूरत नहीं है। करपात्री महाराज ने सपा नेता मौर्य के बयान को उनका मानसिक खोखलापन बताया। करपात्री महाराज ने माता विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन करने के बाद कहा कि मिर्जापुर का नाम बदलकर विंध्याचलपुरम कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपनी बात रखने के लिए वह सीएम योगी से मुलाकात कर पत्र भी देंगे।
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