
थाना मंडी क्षेत्र की संकरी गलियों में इन दिनों एक असामान्य हलचल दिखाई दे रही है। जिस घर के बाहर कल तक सामान्य भीड़-भाड़ हुआ करती थी, आज वहां पुलिस की मौजूदगी, परिवारों की बेचैनी और दो महिलाओं के दृढ़ फैसले ने माहौल बदल दिया है। यह सिर्फ एक निजी रिश्ते का विवाद नहीं, बल्कि वह कहानी है जिसने दो जिलों को जोड़कर कई सवाल खड़े कर दिए हैं, सवाल प्यार के, अधिकार के और सामाजिक स्वीकृति के।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से एक मामला सामने आया है जिसने पुलिस से लेकर स्थानीय लोगों तक सभी को चौंका दिया है। शाहजहांपुर की एक हिंदू युवती अचानक सहारनपुर पहुंची और यहां रहने वाली तीन बच्चों की मां के साथ रहने की जिद पर अड़ गई। दोनों महिलाओं का कहना है कि वे पिछले पांच वर्षों से एक-दूसरे को जानती हैं और पति-पत्नी की तरह साथ जीवन बिताना चाहती हैं। जैसे ही यह मामला सार्वजनिक हुआ, युवती का परिवार भी सहारनपुर पहुंच गया और विवाद और गहराता चला गया।
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शाहजहांपुर की युवती मेडिकल फील्ड से जुड़ी है। उसका कहना है कि दोनों की दोस्ती एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर हुई, जो धीरे-धीरे प्रेम में बदल गई। दोनों कई बार एक-दूसरे से मिलने बाहर गईं और हाल ही में 17 दिनों की यात्रा भी साथ की, जिससे उनका रिश्ता और मजबूत हुआ। युवती का आरोप है कि उसके परिवार ने इस रिश्ते को रोकने की कोशिश में उस पर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना की। यहां तक कि उसे जबरन मानसिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डिस्चार्ज होने के बाद वह सीधे सहारनपुर पहुंच गई।
सहारनपुर की मुस्लिम महिला की शादी को नौ साल हो चुके हैं और उसके तीन बच्चे हैं। उसका कहना है कि पति ने कभी भावनात्मक सहयोग नहीं दिया। इसी दौरान युवती के संपर्क में आने के बाद उसका रिश्ता मजबूत हुआ। महिला ने बताया कि उसका पति इस रिश्ते के बारे में जानता है और चाहता है कि दोनों महिलाएं उसके ही घर में रहें, लेकिन वह कोर्ट मैरिज की शर्त रख रहा है जिसे दोनों महिलाओं ने अस्वीकार कर दिया है।
युवती का दावा है कि वे अजमेर शरीफ में निकाह भी कर चुकी हैं और पति-पत्नी की तरह रहना चाहती हैं। उसने आरोप लगाया कि परिवार ने उसे करंट लगवाया, मारपीट की और लगातार दबाव डालकर मानसिक रूप से तोड़ने की कोशिश की, जिससे उसकी मेमोरी पर भी असर पड़ा। उसका कहना है कि बड़े शहरों में ऐसे रिश्ते स्वीकार किए जाते हैं तो उन्हें भी अपनी पसंद से साथ रहने का अधिकार मिलना चाहिए। युवती का स्पष्ट संदेश है कि अगर वे दोनों साथ नहीं रह पाए तो वे गंभीर कदम उठाने पर मजबूर हो जाएंगी।
महिला का कहना है कि वैवाहिक जीवन में असहज परिस्थितियों के बीच युवती का साथ उसके लिए भावनात्मक सहारा बना। दोनों पहली बार इस वर्ष मिलीं और 17 दिनों तक साथ घूमीं। वह कहती है कि उनका आपसी रिश्ता विश्वास और समझ पर आधारित है।
दूसरी ओर युवती की मां का आरोप है कि बेटी मानसिक रूप से अस्थिर है और उसका इलाज जारी है। उनका कहना है कि सहारनपुर की महिला ने पहले भी उसे बहला-फुसलाकर घर से ले जाने की कोशिश की थी। मां का कहना है कि बेटी दवाइयां भी नियमित रूप से नहीं लेती और डॉक्टर ने 1 जनवरी को पुन: जांच के लिए बुलाया है। ऐसे में बेटी का अचानक गायब होना उनके लिए गंभीर चिंता का कारण है।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस सर्तकता बरत रही है। दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। युवती ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह अपने परिवार के साथ नहीं जाएगी और महिला के साथ ही रहना चाहती है। फिलहाल पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि युवती की मानसिक स्थिति क्या है और क्या वह अपनी इच्छा से सहारनपुर आई है या किसी तरह से प्रभावित की गई है।
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