
कानपुर/मुंबई: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने भारत की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक सतत शहरीकरण का समाधान करने के लिए IIT कानपुर के AIRAWAT रिसर्च फाउंडेशन के साथ रणनीतिक साझेदारी की है। ऐरावत रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना आईआईटी कानपुर द्वारा शिक्षा मंत्रालय और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के सहयोग से की गई थी। साझेदारी के तहत, टीसीएस और फाउंडेशन भारत में बड़े पैमाने पर शहरी नियोजन की चुनौती से निपटने के लिए एआई और एडवांस टेक्नोलॉजी का लाभ उठाएंगे।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार 2050 तक विश्व की 68% जनसंख्या शहरी केंद्रों में रहने लगेगी। इससे ग्रामीण बस्तियों से शहरी क्षेत्रों की ओर बड़े पैमाने पर जनसांख्यिकीय बदलाव आएगा। 2050 तक भारत में 416 मिलियन शहरी निवासी जुड़ जाएंगे। ये आर्थिक विकास को और गति देंगे। शहरी गतिशीलता, ऊर्जा खपत, प्रदूषण प्रबंधन और शासन से जुड़े मुद्दे गंभीर चुनौतियां पैदा कर सकते हैं। खासकर जब शहरी विस्तार पर्याप्त योजना के बिना हो। टीसीएस और आईआईटी-कानपुर इन चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करेंगे। आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने कहा,
भारत के शहर देश की विकास गाथा के केंद्र में हैं। उनमें टिकाऊ शहरी भविष्य को प्रेरित करने की क्षमता है। AI, डेटा से मिलने वाली इनसाइट और प्रणाली आधारित सोच का इस्तेमाल कर हमारा लक्ष्य अपने शहरों को लचीले, न्यायसंगत और जलवायु-सचेत इकोसिस्टम में बदलना है। आईआईटी कानपुर स्थित ऐरावत कंसोर्टियम, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ मिलकर, भारत की शहरी चुनौतियों को इनोवेशन के वैश्विक अवसरों में बदलकर इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ा रहा है। हम भारत को ऐसे शहरों को आकार देने में अग्रणी बना रहे हैं जो विकास और स्थिरता के बीच संतुलन बनाते हैं।
टीसीएस के सीटीओ डॉ. हैरिक विन ने कहा, "शहरी जीवन का भविष्य शहरों को गतिशील इकोसिस्टम के रूप में देखने की हमारी क्षमता में निहित है। ये उद्योग और समाज की लगातार बदलती जरूरतों के जवाब में अनुकूलन और विकास करते हैं। आईआईटी कानपुर के ऐरावत रिसर्च फाउंडेशन के साथ इस साझेदारी के माध्यम से टीसीएस एआई, रिमोट सेंसिंग, मल्टी-मॉडल डेटा फ्यूजन, डिजिटल ट्विन और डेटा व नॉलेज इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी की मदद से शहरी चुनौतियों का हल निकालेगी।"
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