उमेश पाल हत्याकांड के मामले में टीम जेल के अंदर भी पड़ताल कर रही है। अशरफ से किसने-किसने मुलाकात की इसका पता लगाने के लिए टीम ने सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग को कब्जे में लिया है।
प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड से जुड़े शूटर विजय उर्फ उस्मान को बरेली जिला जेल में माफिया अतीक के भाई अशरफ से मिलवाने के मामले की जांच एसआईटी ने शुरू कर दी है। इसी कड़ी में गुरुवार की दोपहर को एसआईटी ने बिथरी स्थित जिला जेल पहुंचकर गेट के अंदर तक के 6 सीसीटीवी कैमरों का डाटा अपने कब्जे में लिया। टीम ने अशरफ से मुलाकात करने वाले स्थान का भी निरीक्षण किया और नक्शा बनाया। जेल स्टाफ से भी पूछताछ की गई।
एसआईटी टीम महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सौंपेगी रिपोर्ट
इस बीच अशरफ से मुलाकात कराने वाले सिपाही शिवहरि अवस्थी के साथ जेल में सब्जी मुहैया करवाने वाले दयाराम उर्फ नन्हे को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया। ज्ञात हो कि पुलिस विभाग की एसआईटी का नेतृत्व आईपीएस अधिकारी एसपी सिटी राहुल भाटी के द्वारा किया जा रहा है। इस टीम में केस के विवेचक सीओ थर्ड आशीष प्रताप सिंह, क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर राजवीर सिंह, अपराध शाखा के इंस्पेक्टर सतीश कुमार और कृष्णवीर सिंह शामिल हैं। यह टीम सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं की जांच के बाद रिपोर्ट एसएसपी को सौंपेगी।
व्हाट्सऐप कॉल के बाद उड़ा दिया जाता था डाटा
अभी तक हुई जांच में यह भी सामने आया है कि गुर्गों की सप्ताह में एक बड़ी मीटिंग जेल के अंदर जरूर होती थी। मीटिंग के दौरान गवाहों को धमकाने, विरोध करने वालों की हत्या करने, पुलिस और जेल के अधिकारियों को प्रलोभन देने और अधिकारियों की हत्या के प्लान तक की रूपरेखा बनाई जाती थी। हालांकि बरेली जेल में पूरी सेटिंग थी और इसी के चलते यहां ऐसी नौबत ही नहीं आई। जेल से ज्यादातर व्हाट्सऐप कॉल ही की जाती थी। शातिर कई बार इसका डाटा भी उड़ा देते थे। मामले में अब सर्विलांस सेल रिकॉर्ड निकलवाने की तैयारी में जुटी है। गौरतलब है कि उमेश पाल हत्याकांड से जुड़े मामलों में कई टीमें जांच और छापेमारी में जुटी हुई हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर लगातार दबिश भी दी जा रही है।