उमेश पाल हत्याकांड के बाद सद्दाम की तलाश में पुलिस की टीम लगातार लगी हुई है। हालांकि मजबूत नेटवर्क के चलते वह आठ टीमों को चकमा देने में कामयाब हो रहा है।
प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड मामले में पुलिस ने पूर्व विधायक अशरफ के साले सद्दाम की गिरफ्तारी को लेकर दबिश तेज कर दी है। अशरफ का साला सद्दाम ही बरेली से लेकर प्रयागराज तक उसके गैंग का संचालन करता था। वह पहले भी कई आपराधिक घटनाओं में शामिल रह चुका है। पुलिस का कहना है कि मजबूत नेटवर्क के चलते ही वह 8 टीमों के हाथ नहीं आ रहा है।
जेल से बाहर आने के बाद भी नहीं छोड़ा अशरफ का साथ
आपको बता दें कि अशरफ की पत्नी 12 भाई-बहन हैं। हालांकि पूर्व विधायक अशरफ का सबसे ज्यादा करीबी सद्दाम ही है। राजू पाल हत्याकांड के दौरान जब अशरफ फरार हो गया था तो सद्दाम उर्फ अब्दुल समद के द्वारा ही उसकी मदद की जा रही थी। उस दौरान जब पुलिस को अशरफ को भगाने में सद्दाम द्वारा ही मदद किए जाने का पता लगा तो उसे प्रयागराज के हटवा स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में वह बाहर आ गया। सद्दाम इसके बाद भी अशरफ के साथ ही रहा और उमेश पाल हत्याकांड के बाद भी उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। यह मुकदमा बरेली में उमेश पाल हत्याकांड में अशरफ की मदद करने के आरोप में दर्ज किया गया।
राजनीति में आने के लिए लल्ला गद्दी ने भी किया था साथ
सद्दाम राजनीति में भी सक्रिया है और अक्सर विभिन्न मुद्दों को सोशल साइट्स के जरिए उठाता रहता है। किसान बिल के खिलाफ भी उसने विरोध किया था। समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव और अन्य लोगों के साथ उसके फोटो अक्सर सामने आते रहते हैं। वहीं सद्दाम के अलावा शहर निवासी लल्ला गद्दी भी फरार है। वह नेतागिरी में उभरने के लिए सद्दाम के जरिए अशरफ के करीब आया था। इन संबंधों के सहारे ही वह सपा या किसी अन्य दल से टिकट चाह रहा था। लल्ला गद्दी चाहता था कि उसे मेयर पद के लिए किसी भी दल से इन संबंधों के आधार पर टिकट मिल जाए।