
UP Monsoon Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को शोर-शराबे और नारेबाजी के बीच शुरू हुआ। समाजवादी पार्टी के विधायकों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर जमकर विरोध जताया, वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया के जरिए सरकार और विपक्ष दोनों को एक साथ नसीहत दी। उन्होंने कहा कि सत्र महज औपचारिकता तक सीमित न रहे, बल्कि इसे जनहित में उपयोगी बनाया जाए।
मायावती ने अपने पोस्ट में लिखा कि सत्र छोटा जरूर है, लेकिन इसका इस्तेमाल जनता से जुड़े अहम मुद्दों पर गंभीर चर्चा के लिए होना चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि सरकार और विपक्ष दोनों राजनीतिक स्वार्थ, द्वेष और कटुता को छोड़कर प्रदेश व देशहित में आगे बढ़ें। उन्होंने संसद के मौजूदा मानसून सत्र का जिक्र करते हुए कहा कि वहां भी शांति से कार्यवाही नहीं चल पा रही, जिससे जनता के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा अधूरी रह जाती है।
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मायावती ने अमेरिकी टैरिफ को लेकर देश की अर्थव्यवस्था और विकास पर पड़ने वाले संभावित असर पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह देश के भविष्य से जुड़ा अहम मुद्दा है, जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। इस पर संसद में गंभीर चिंतन होना चाहिए।
बसपा प्रमुख ने यह भी कहा कि वोटर लिस्ट, उसके रिवीजन और ईवीएम से जुड़े मुद्दों पर देश में जो संदेह फैल रहे हैं, उन्हें जल्द से जल्द दूर किया जाना चाहिए, ताकि लोकतंत्र पर लोगों का भरोसा मजबूत हो। इस बार का मानसून सत्र एक रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। 13 अगस्त को सुबह 11 बजे से ‘विकसित भारत, विकसित यूपी विजन डॉक्यूमेंट 2047’ पर लगातार 24 घंटे चर्चा होगी। इसमें सरकार विभागवार अपनी उपलब्धियां और योजनाएं रखेगी, वहीं विपक्ष अपने सवाल और सुझाव देगा। इसके अलावा बांके बिहारी कॉरिडोर ऑर्डिनेंस और उच्च शिक्षा समेत कई अहम विधेयक भी इस सत्र में पास हो सकते हैं।
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