
UP Monsoon Session 2025 : क्या आपने कभी सोचा है कि एक ही सत्र में किसी राज्य का आने वाले 25 वर्षों का रोडमैप तय हो सकता है? उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 2025 ठीक ऐसा ही करने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में साफ किया कि यह सत्र केवल परंपरा निभाने के लिए नहीं, बल्कि भविष्य की ठोस योजना बनाने के लिए है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह सत्र स्वतंत्रता के अमृत काल के तीसरे वर्ष में हो रहा है और ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ के विजन को आकार देने का महत्वपूर्ण अवसर है। इस विजन को नीति आयोग और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की मदद से तैयार किया गया है, जिसमें समाज के हर वर्ग की राय शामिल की जाएगी।
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योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 13 और 14 अगस्त को लगातार 24 घंटे विधानसभा और विधान परिषद में ‘विकसित यूपी’ के विजन पर चर्चा होगी। खास बात यह है कि यह केवल विधायकों तक सीमित नहीं रहेगी—जनता की राय भी विजन डॉक्यूमेंट का हिस्सा बनेगी। उनका लक्ष्य है कि 2047 तक, जब भारत विकसित राष्ट्र बने, तब उत्तर प्रदेश भी पूरी तरह विकसित राज्यों की सूची में शामिल हो।
सीएम ने कहा कि इस बार का मानसून सत्र बाढ़ और जलभराव जैसे मौसमी मुद्दों के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर, गरीब कल्याण और हर वर्ग के उत्थान पर केंद्रित रहेगा। इसके अलावा, प्रश्नकाल में जनप्रतिनिधि जनता के सवाल उठाएंगे और शून्यकाल में अहम विषयों पर खुलकर चर्चा होगी।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष, खासकर समाजवादी पार्टी, पर विकास विरोधी रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अतीत में भी जब लंबी कार्यवाही हुई थी, तब सपा ने विरोध किया और असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया। इस बार उन्होंने सभी दलों से सकारात्मक और रचनात्मक बहस में शामिल होने की अपील की, ताकि समय का सही उपयोग हो सके। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानमंडल देश का सबसे बड़ा है और यहां की चर्चाएं बाकी राज्यों के लिए उदाहरण बनती हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि इस सत्र में होने वाली चर्चा 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं को दिशा देगी।
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