UP में कोडीन कफ सिरप पर सबसे बड़ी कार्रवाई: 128 FIR, हजारों बोतलें जब्त, एसआईटी गठित

Published : Dec 08, 2025, 10:34 PM IST
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सार

उत्तर प्रदेश में कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध व्यापार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई। 279 निरीक्षण, 128 FIR दर्ज, हजारों बोतलें बरामद और कई आरोपी गिरफ्तार किए गए। तस्करी नेटवर्क की जांच व वित्तीय पड़ताल के लिए एसआईटी गठित की गई है।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में कोडीन युक्त कफ सिरप के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (FSDA) और यूपी पुलिस मिलकर प्रदेश में जांच, छापेमारी और कार्रवाई कर रहे हैं। प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य सरकार प्रतिबंधित दवाओं पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सभी दवाइयों का मानक के अनुरूप होना अनिवार्य है और मानक से बाहर होने पर कठोर कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोडीन युक्त कफ सिरप से किसी की मौत की जानकारी नहीं मिली है। सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए पुलिस महानिरीक्षक की अध्यक्षता में एसआईटी बनाई है, जिसमें FSDA के अधिकारी भी शामिल हैं।

‘नशा मुक्त उत्तर प्रदेश’ अभियान में 128 दवा दुकानों पर केस

डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि ‘नशा मुक्त भारत–नशा मुक्त उत्तर प्रदेश’ अभियान के तहत पिछले दो महीनों में कई जिलों में कार्रवाई की गई। 28 जिलों में 128 दवा दुकानों के खिलाफ FIR दर्ज हुई है। एफएसडीए, जिले की पुलिस और यूपी एसटीएफ के संयुक्त अभियान में बड़ी मात्रा में अवैध कोडीन कफ सिरप बरामद किया गया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर गलत या भ्रम फैलाने पर भी कार्रवाई की जा रही है। वाराणसी में इस तरह की अफवाह फैलाने पर FIR दर्ज हो चुकी है।

कोडीन सिरप तस्करी और अवैध बिक्री का नेटवर्क उजागर

FSDA को केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (मध्य प्रदेश) से महत्वपूर्ण इनपुट मिले थे। इसके आधार पर हिमाचल प्रदेश की दो, उत्तराखंड की तीन और हरियाणा की एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और झारखंड रांची के एक सुपर स्टॉकिस्ट की जांच की गई। जांच में पता चला कि लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और गाजियाबाद जैसे जिलों में बिना पर्चे और बिना लाइसेंस के भारी मात्रा में कोडीन सिरप बेचा जा रहा था। कई दुकानों ने 1 से 3 लाख बोतलें अवैध रूप से बेची थीं। इस सिरप के तार नेपाल और बांग्लादेश तक जुड़े पाए गए।

279 प्रतिष्ठानों की जांच, कई जगह नशे के रूप में बिक्री

FSDA सचिव रोशन जैकब ने बताया कि अभियान के दौरान 279 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण हुआ। कई जगह यह पुष्टि हुई कि कोडीन सिरप को दवा नहीं बल्कि नशे के रूप में बेचा जा रहा था। सबसे ज्यादा अवैध बिक्री वाराणसी, गाजियाबाद और आसपास के क्षेत्रों में मिली। अवैध भंडारण, नकली स्टॉक और गैरकानूनी बिक्री के खिलाफ लगातार कार्रवाई चलती रहेगी।

128 एफआईआर, कई जिलों में गिरफ्तारियां जारी

औषधि विभाग और पुलिस के संयुक्त अभियान में कुल 128 FIR दर्ज की गईं, जिनमें NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई शामिल है।

वाराणसी – 38 FIR

अलीगढ़ – 16 FIR

कानपुर – 08 FIR

गाजियाबाद – 06 FIR

महाराजगंज – 04 FIR

लखनऊ – 04 FIR

अन्य जिले – 52 FIR

यूपी एसटीएफ की कार्रवाई: कई नेटवर्क ध्वस्त

यूपी एसटीएफ ने 9 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। धर्मेंद्र विश्वकर्मा, पवन गुप्ता, शैलेन्द्र आर्या, विभोर राणा, विशाल सिंह, बिट्टू कुमार, सचिन कुमार, अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा, और आलोक प्रताप सिंह।

अन्य जोन में दर्ज केस और गिरफ्तारियां

लखनऊ जोन – 11 अभियोग, 2 गिरफ्तारी

बरेली जोन – 4 अभियोग, 2 गिरफ्तारी

गोरखपुर जोन – 10 अभियोग, 3 गिरफ्तारियाँ, 2 को नोटिस

वाराणसी कमिश्नरेट – 2 अभियोग, 4 गिरफ्तारी

सोनभद्र और गाजियाबाद में भारी मात्रा में कोडीन सिरप बरामद

18 अक्टूबर: सोनभद्र पुलिस ने दो ट्रकों से 1,19,675 बोतलें बरामद कीं, 3 तस्कर गिरफ्तार।

1 नवंबर: रांची में 13,400 बोतलें पकड़ी गईं।

4 नवंबर: सोनभद्र-गाजियाबाद पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में 1,57,350 बोतलें बरामद कीं।

8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। कुल 17 अभियुक्त इस केस में नामजद हुए हैं।

एसआईटी करेगी वित्तीय जांच और कार्रवाई की समीक्षा

पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत वित्तीय जांच के लिए प्रदेश स्तर पर एसआईटी बनाई जा रही है। यह टीम सभी जांचों की निगरानी करेगी, आरोपियों से जुड़ी कड़ियों को जोड़ेगी और वित्तीय लेन-देन की गहराई से जांच करेगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सूचना निदेशक विशाल सिंह और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

सोशल मीडिया पर झूठा आरोप लगाने पर FIR

वाराणसी में वादी अम्बरीश कुमार सिंह की शिकायत पर अमिताभ ठाकुर, नूतन ठाकुर और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। उन पर सोशल मीडिया के माध्यम से झूठा आरोप लगाकर उनकी छवि खराब करने का आरोप है। यह FIR धारा 196, 229, 356(2), 356(3) BNS के तहत दर्ज हुई है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि अफवाह या तथ्यहीन पोस्ट फैलाने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी।

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