
कभी कृषि प्रधान राज्य कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश ने अब तकनीक की दुनिया में भी अपना लोहा मनवा लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदृष्टि और इनोवेटिव नीतियों ने यूपी को भारत का उभरता हुआ आईटी हब बना दिया है। प्रदेश में आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग तेजी से डिजिटल बदलाव की आधारशिला रख रहा है। लखनऊ, नोएडा, कानपुर और वाराणसी जैसे शहर अब ग्लोबल टेक्नोलॉजी नेटवर्क का हिस्सा बन चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि “सूचना प्रौद्योगिकी सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि परिवर्तन का माध्यम है।” इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने यूपी को आईटी नवाचार का गढ़ बनाने का अभियान शुरू किया है। नतीजतन, आज प्रदेश का आईटी सेक्टर नए रिकॉर्ड बना रहा है।
यह बढ़त न केवल आर्थिक मजबूती का प्रतीक है, बल्कि लाखों युवाओं के भविष्य को भी संवार रही है।
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योगी सरकार की आईटी नीति 2017-2022 और नई आईटी एवं आईटीईएस नीति 2022 ने निवेशकों के लिए भरोसे की नई मिसाल कायम की है।
प्रदेश में निवेश करने वाली प्रमुख कंपनियां:
इन निवेशों से ₹5,584 करोड़ का पूंजी निवेश और 53,000 रोजगार अवसर सृजित हुए हैं। वहीं 900 युवाओं के लिए नई परियोजनाओं को मंजूरी मिल चुकी है, जिन पर ₹48 करोड़ से अधिक निवेश प्रस्तावित है।
योगी सरकार ने आईटी और आईटीईएस सेक्टर को “उद्योग” का दर्जा देकर निवेश वातावरण को और अनुकूल बनाया है। अब आईटी कंपनियों को औद्योगिक दरों पर भूमि उपलब्ध हो रही है, जिससे वे आत्मविश्वास के साथ राज्य में निवेश कर रही हैं।
STPI (Software Technology Parks of India) के सहयोग से प्रदेश में तेजी से विकसित हो रहे केंद्र:
अब यही विस्तार वाराणसी, बरेली और गोरखपुर तक बढ़ाया जा रहा है। यह कदम छोटे शहरों को भी डिजिटल अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा में जोड़ देगा।
कानपुर की दीप्ति, गोरखपुर के आर्यन — जैसे हजारों युवाओं की कहानी प्रदेश की नई डिजिटल सफलता का प्रमाण बन चुकी है। पहले जो अवसर केवल दिल्ली-बेंगलुरु तक सीमित थे, अब वो यूपी के हर शहर में पहुंच चुके हैं। राज्य सरकार ने आईटी एवं आईटीईएस परियोजनाओं के लिए डिजिटल इनसेंटिव पोर्टल लॉन्च किया है, जिससे आवेदन और स्वीकृति की प्रक्रिया पारदर्शी हो गई है।
योगी सरकार के सात वर्षों के प्रयास ने यूपी को कृषि से आगे बढ़ाकर टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और रोजगार का केंद्र बना दिया है। डिजिटल यूपी अब केवल नारा नहीं, बल्कि एक सशक्त आर्थिक हकीकत बन चुका है जो भारत की तकनीकी प्रगति की नई दिशा तय कर रहा है।
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