
सर्द सुबह की धुंध अभी पूरी तरह छंटी भी नहीं थी कि सचिवालय के बैठक कक्ष में एक बड़ी पहल ने प्रदेश के लाखों किसानों के लिए नई उम्मीद जगा दी। वर्षों से मरम्मत और विस्तार की राह देख रही नहर व्यवस्था को मजबूती देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में 95 नई परियोजनाओं को मंजूरी दे दी।
बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि नहर सिस्टम की मजबूती किसी भी कृषि आधारित राज्य की रीढ़ होती है। इसलिए सरकार ने ₹39453.39 लाख की कुल लागत वाली 95 परियोजनाओं को हरी झंडी दी है। इन परियोजनाओं के पूरा होने पर 36 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता पुनर्स्थापित होगी, जिससे करीब 9 लाख किसान व ग्रामीण परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा। साथ ही 273 हेक्टेयर विभागीय भूमि को भी सुरक्षित किया जा सकेगा।मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय में उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए।
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समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने बताया कि 95 परियोजनाओं में नहर नेटवर्क को मजबूत करने के लिए निम्न कार्य शामिल हैं—
इन कार्यों से सिंचाई नेटवर्क न सिर्फ मजबूत होगा बल्कि जल उपलब्धता भी स्थायी और सुचारू बनेगी।
नहरों की यह पुनर्स्थापना प्रदेश के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में जल वितरण व्यवस्था को बेहतर करेगी। विशेष रूप से —
इन क्षेत्रों के किसानों को इन परियोजनाओं से उल्लेखनीय लाभ मिलने की संभावना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन परियोजनाओं का उद्देश्य केवल निर्माण कराना नहीं बल्कि—
उन्होंने जोर दिया कि प्रदेश का कोई भी किसान सिंचाई के अभाव में फसल क्षति का शिकार न हो।
बैठक में मुख्यमंत्री ने विभाग को अनुपयोगी विभागीय भूमि का सर्वे करने और उसके उपयोग की योजना बनाने को कहा। उनका कहना था कि इन भूमियों का बेहतर उपयोग विभाग की आय बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकता है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में बाढ़ प्रबंधन से जुड़े कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जनवरी से ही सभी तैयारियां शुरू की जाएं। साथ ही उन्होंने जनप्रतिनिधियों के मार्गदर्शन में विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए, ताकि समय रहते सभी आवश्यक कार्य सुनिश्चित हो सकें।
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