मोबाइल गायब, सिर कटी लाश! दरोगा की मौत पर उठ रहे हैं चौंकाने वाले सवाल

Published : Dec 07, 2024, 10:00 AM IST
UP Police

सार

लखनऊ में पुलिस मुख्यालय के दरोगा ध्यान सिंह का शव रेलवे ट्रैक पर मिला। पुलिस आत्महत्या बता रही है, लेकिन मोबाइल और सामान गायब होने से कई सवाल उठ रहे हैं। क्या यह वाकई आत्महत्या है या कोई और राज़ छुपा है?

लखनऊ। सुशांत गोल्फ सिटी इलाके में बुधवार को पुलिस मुख्यालय में तैनात दरोगा ध्यान सिंह की लाश रेलवे ट्रैक पर मिलने से सनसनी फैल गई। पुलिस का दावा है कि यह आत्महत्या का मामला है, लेकिन कई सवाल अभी अनुत्तरित हैं।

जानिए क्या है पूरा मामला?

दरोगा ध्यान सिंह, जो कि 2015 बैच के अधिकारी थे, बुधवार सुबह अपनी पत्नी से शेविंग कराने की बात कहकर घर से निकले। कुछ ही घंटे बाद उनका शव बक्कास रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर मिला। हैरानी की बात यह है कि शव के पास न तो कोई पहचान का सामान मिला और न ही दरोगा ध्यान सिंह का मोबाइल फोन।

मौत से पहले के आखिरी घंटे

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, घर से निकलने के बाद ध्यान सिंह अपने निर्माणाधीन मकान पर गए थे, जहां उन्होंने मजदूरों को पैसे दिए। जानकारी के मुताबिक, इस दौरान ध्यान सिंह की किसी से फोन पर लंबी बहस हुई। इसके बाद वह घर नहीं लौटे और रेलवे ट्रैक पर उनकी लाश मिली।

परिजनों ने की पहचान, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा

बृहस्पतिवार को उनके परिजनों ने शव की पहचान की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण एंटीमार्टम इंजरी और शॉक्ड हेमरेज बताया गया है। हालांकि, सवाल यह है कि अगर यह आत्महत्या थी, तो उनका मोबाइल और अन्य सामान कहां गया?

लोको पायलट का दावा और पुलिस का बयान

मामले की जांच के दौरान पुलिस ने लोको पायलट से बात की। लोको पायलट के बयान के आधार पर पुलिस ने दावा किया कि ट्रेन के सामने कूदकर दरोगा ध्यान सिंह ने अपनी जान दी। हालांकि, घटनास्थल से उनका मोबाइल और अन्य सामान गायब हो जाना इस मामले को और भी संदिग्ध बना रहा है।

क्या है पुलिस की जांच का फोकस?

  •  मोबाइल फोन का सर्विलांस: ध्यान सिंह ने आखिरी बार किससे बात की, इसका पता लगाया जा रहा है।
  •  पारिवारिक या कार्यस्थल का तनाव: पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि दरोगा पर कोई व्यक्तिगत या पेशेवर दबाव तो नहीं था।
  • साजिश की आशंका: बिना सामान मिले शव का पाया जाना हत्या की ओर इशारा कर रहा है।

पुलिस के लिए चुनौती, परिजनों की चुप्पी

परिजनों ने इस मामले में कोई आरोप नहीं लगाया है, लेकिन ध्यान सिंह का अचानक इस तरह चले जाना कई सवाल खड़े करता है। क्या वाकई यह आत्महत्या है, या इसके पीछे कोई गहरी साजिश है.

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