उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती पेपर लीक केस में योगी सरकार ने भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष को पद से हटा दिया है। योगी ने डीजी विजिलेंस राजीव कृष्णा को भर्ती बोर्ड का अतिरिक्त भार सौंपा है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश की सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष को ही पद से हटा दिया है। सरकार ने डीजी विजिलेंस को भर्ती बोर्ड की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी है। फरवरी में सिपाही भर्ती की परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद अभ्यर्थियों ने काफी हंगामा किया था। सरकार ने परीक्षा रद्द कर 6 महीने के अंदर दोबारा कराने का आदेश भी जारी कर दिया है।
भर्ती बोर्ड की अध्य रेणुका मिश्रा पर गिरी गाज
उत्तर प्रदेश में सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा के पेपर लीक होने की आशंका के मामले में भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को प्रश्न पत्र छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस के चयन में गलती, एफआईआर दर्ज कराने में हीलाहवाली और बोर्ड की आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट देने में देरी करने पर योगी सरकार ने फैसला लिया है। प्रदेश में 17 और 18 फरवरी 2024 को हुई सिपाही भर्ती परीक्षा के मामले में अभ्यर्थी की शिकायत पर मामला उजागर हुआ था। यूपी में 60 हजार पदों के लिए पुलिस भर्ती परीक्षा में 48 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था।
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व्हाट्सऐप पर मिला था सॉल्व पेपर
यूपी पुलिस भर्ती का सॉल्व पेपर कृष्णानगर स्थित स्कूल में परीक्षार्थी को परीक्षा केंद्र के बाहर फोन पर पेपर मिला था। इस मामले में पुलिस अभ्यर्थी रवि को मुकदमा दर्ज कर जेल भेज चुकी है। पेपर लीक का मामला खुलने के बाद आरोपी के मोबाइल डेटा चेक किया जा रहा है। व्हाट्स ऐप पर सॉल्व पेपर भेजने वाले आरोपी युवक नीरज अब तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
एसटीएफ कर रही जांच
यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में एसटीएफ को जांच सौंपी गई है। इस मामले में अब तीन आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। तीनों से पूछताछ की जा रही है। पेपर लीक कैसे हुए और उन्हें किसने भेजा आदि को लेकर जांच की जा रही है।