महाकुंभ 2025: गजब का है इन नागा संन्यासी का हठ योग, आप भी हो जाएंगे हैरान!

Published : Jan 05, 2025, 02:57 PM IST
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सार

महाकुंभ 2025 में नागा संन्यासी प्रमोद गिरी महाराज का हठयोग चर्चा का विषय बना हुआ है। कड़ाके की ठंड में वे 51 घड़ों से ठंडे पानी से स्नान करते हैं, जिससे लोग आश्चर्यचकित हैं।

महाकुंभ 2025 में जहां लाखों श्रद्धालु पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाने आते हैं, वहीं इस बार के महाकुंभ में एक ऐसा साधू ध्यान आकर्षित कर रहा है, जिनकी तपस्या और हठ योग ने सभी को हैरान कर दिया है। ठंड की कड़ाके वाली रातों और दिन में जब आम लोग अपने घरों में सर्दी से बचने के लिए कंबल और हीटर का सहारा लेते हैं, वहीं इन नागा संन्यासी का हठयोग सबसे अलग है। ये साधू, न सिर्फ ठंडे पानी से स्नान करते हैं, बल्कि 51 से ज्यादा घड़ों से पानी भरकर खुले आसमान के नीचे नहाते हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे की खास वजह।

महाकुंभ 2025 में नागा संन्यासी प्रमोद गिरी महाराज का हठ योग

महाकुंभ 2025 में साधुओं की आस्था और तपस्या की नजारे सबसे खास आकर्षण हैं। जहां एक तरफ श्रद्धालु संगम में पवित्र डुबकी लगाने आते हैं, वहीं दूसरी ओर कई साधू अपने हठयोग के जरिए धर्म और तपस्या की अनोखी मिसाल पेश कर रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं अटल आवाहन अखाड़े के नागा संन्यासी प्रमोद गिरी महाराज, जिनकी साधना और तपस्या ने सबको अचंभित कर दिया है।

प्रमोद गिरी महाराज का हठयोग इस कड़ाके की ठंड में सबसे चर्चित हो गया है। जबकि पूरे महाकुंभ क्षेत्र में घना कोहरा छाया हुआ है और लोग ठंड से बचने के उपाय तलाश रहे हैं, वहीं प्रमोद गिरी महाराज प्रतिदिन 51 घड़ों से ठंडे पानी से नहाते हैं। और न सिर्फ 51, बल्कि इस संख्या को बढ़ाकर 151 घड़े तक नहाने की उनकी योजना है। उनकी इस साधना को उनके भक्त और अनुयायी एक विशेष तपस्या मानते हैं।

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नहीं कोई डर, नहीं कोई परेशानी

प्रमोद गिरी महाराज को जानने वाले लोग बताते हैं कि इतनी ठंड में भी, वह कभी भी अपने शरीर को ढकते नहीं हैं और न ही किसी प्रकार के सुरक्षा के उपायों का उपयोग करते हैं। उनका मानना है कि यह सब उनके आत्मविश्वास और तपस्या का परिणाम है। ठंड और अन्य कठिनाइयों का कोई असर उनके हठयोग पर नहीं पड़ता है।

इस हठयोग का मुख्य उद्देश्य शरीर और आत्मा को एकात्म करना है। प्रमोद गिरी का मानना है कि इस तरह की तपस्या से व्यक्ति अपने जीवन के सारे दुखों और परेशानियों को पार कर सकता है। उनका यह यथार्थवादी और साधारण तरीका न सिर्फ उनकी आस्था को व्यक्त करता है, बल्कि इस सर्दी में उनके अनुयायियों को भी यह प्रेरित करता है कि आस्था और दृढ़ निश्चय के साथ कोई भी कठिनाई पार की जा सकती है।

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