
Yogi Adityanath road safety initiatives: उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक की। बैठक में विभिन्न विभागों के मंत्री, शासन स्तर के अधिकारी, सभी मंडलों के मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर एवं पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने सड़क हादसों को कम करने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए।
मुख्यमंत्री ने आंकड़ों पर चिंता जाहिर करते हुए बताया कि वर्ष 2024 में प्रदेश में 46,052 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 34,600 लोग घायल हुए और 24,000 से अधिक की मौत हुई। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुखद स्थिति है और इसे न्यूनतम करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
सीएम योगी ने कहा कि सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी विभाग सामूहिक प्रयास करें और ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर सुधार कराएं। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं के कारणों की जांच करने और सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने सड़क हादसों में घायलों के उपचार को प्राथमिकता देते हुए कहा कि सभी एक्सप्रेस-वे के किनारे फूड प्लाजा की तरह अस्पतालों की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, मंडल मुख्यालयों पर ट्रामा सेंटर, एंबुलेंस और प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
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प्रदेश के 75 जिलों में सड़क दुर्घटनाओं का विश्लेषण करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि हरदोई, मथुरा, आगरा, लखनऊ, बुलंदशहर, कानपुर नगर, प्रयागराज, सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, बरेली, अलीगढ़, गौतमबुद्ध नगर, शाहजहांपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, बदायूं, मेरठ और बिजनौर ऐसे जिले हैं जहां सबसे ज्यादा सड़क हादसे हुए। इन 20 जिलों में हुई दुर्घटनाओं में कुल मृत्यु दर का 42 प्रतिशत योगदान है। सीएम योगी ने निर्देश दिया कि हर जिले में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक अनिवार्य रूप से आयोजित की जाए। उन्होंने उन मंडलों को फटकार लगाई जहां वर्ष 2024 में एक ही बैठक हुई और कहा कि इसे तत्काल बढ़ाने की जरूरत है।
सीएम योगी ने सड़क हादसों के मुख्य कारणों का जिक्र करते हुए कहा कि ओवर स्पीडिंग, ड्रंकन ड्राइविंग, गलत साइड पर गाड़ी चलाना, रेड लाइट जम्प करना और मोबाइल फोन का उपयोग करना सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण हैं। उन्होंने शराब की दुकानों के साइनेज छोटे करने और एक्सप्रेस-वे के किनारे इन्हें प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए। सीएम योगी ने बिना परमिट वाली बसों और ओवरलोडेड ट्रकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दूसरे प्रदेशों से बिना परमिट के आने वाले वाहनों को बॉर्डर पर रोका जाए और लंबी दूरी के वाहनों में दो ड्राइवर अनिवार्य किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में NHAI की 93 सड़कों में से केवल 4 पर ही कैमरे लगे हैं। बाकी सड़कों पर भी CCTV कैमरे लगाने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा, एक्सप्रेस-वे और हाइवे पर क्रेन, पेट्रोलिंग वाहन और एंबुलेंस की संख्या बढ़ाई जाएगी। सीएम योगी ने कहा कि एनएचएआई की कई सड़कों पर पैदल चलने वालों के लिए फुट ओवर ब्रिज की आवश्यकता है। ऐसे स्थानों को चिन्हित कर इनका निर्माण किया जाएगा। साथ ही, महत्वपूर्ण सड़कों पर ट्रैफिक साइनेज लगवाए जाएंगे।
सीएम योगी ने निर्देश दिया कि नगरीय क्षेत्रों में नाबालिग बच्चों द्वारा ई-रिक्शा चलाने पर रोक लगाई जाए। इसके अलावा, सभी ई-रिक्शा चालकों का वेरिफिकेशन अनिवार्य किया जाएगा। उन्होंने RTO कार्यालयों को दलाल मुक्त करने के लिए समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए। सीएम योगी ने कहा कि सड़क जाम की समस्या को हल करने के लिए पर्याप्त मैनपॉवर उपलब्ध कराया जाएगा। सिविल पुलिस, पीआरडी और होमगार्ड जवानों को विशेष ट्रेनिंग देकर ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर किया जाएगा। उन्होंने अस्पतालों, स्कूलों और बाजारों के बाहर टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर बनाने के निर्देश भी दिए।
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