
Shahjahanpur Suicide Case: कभी-कभी जिंदगी का बोझ इतना भारी हो जाता है कि इंसान जीने की हिम्मत ही खो बैठता है। शाहजहांपुर में सामने आई एक दर्दनाक घटना ने यही सवाल खड़ा कर दिया है, क्या कर्ज इतना बड़ा हो सकता है कि कोई अपने ही मासूम की जान लेकर खुद मौत को गले लगा ले?
घटना थाना रोजा क्षेत्र के दुर्गा एनक्लेव कॉलोनी की है। यहां रहने वाले व्यापारी सचिन ग्रोवर अपनी पत्नी शिवांगी और तीन साल के बेटे फतेह के साथ रहते थे। बताया जा रहा है कि कारोबारी सचिन पर करीब 50 लाख रुपये का कर्ज था। यह रकम उसने जिला उद्योग केंद्र से लोन के रूप में ली थी, जिस पर भारी सब्सिडी मिलने की उम्मीद थी।
परिजनों के मुताबिक, जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों ने सचिन से इस रकम पर 50% रिश्वत की मांग की थी। इसी दबाव और कर्ज के बोझ ने परिवार को इतना तोड़ दिया कि उन्होंने खौफनाक कदम उठा लिया।
पुलिस जांच के मुताबिक, पहले दंपति ने अपने 3 साल के बेटे फतेह को जहर देकर मार डाला, इसके बाद दोनों ने कमरे में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह जब परिवार के लोगों ने दरवाजा खोला तो बेटे की लाश बिस्तर पर पड़ी थी और पति-पत्नी फांसी पर लटके मिले।
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पुलिस को मौके से एक 33 पन्नों का सुसाइड नोट मिला है, जो एक कॉपी में लिखा हुआ था। फिलहाल पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और सुसाइड नोट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
इस वारदात के बाद पूरे इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है। लोग हैरान हैं कि कर्ज और रिश्वत के दबाव ने आखिर कैसे एक परिवार को इतनी खतरनाक राह पर धकेल दिया। सवाल ये भी उठ रहे हैं कि जब सरकारी योजनाओं का उद्देश्य राहत देना है, तो भ्रष्टाचार कैसे किसी की जिंदगी छीन सकता है?
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