
UP electricity theft cases: बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए यूपी में स्मार्ट मीटर लगाए गए थे, लेकिन बिजली चोरों ने इन हाई-टेक मीटरों को भी मात देने के नए-नए तरीके ढूंढ लिए हैं। लेसा (LESA) की जांच में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। कहीं मीटर में छेड़छाड़ कर खपत कम दिखाई जा रही है, तो कहीं टर्मिनल प्लेट शॉर्ट कर बिजली चोरी की जा रही है। यही नहीं, कुछ इलाकों में तो जैमर और चिप जैसी हाई-टेक डिवाइस का इस्तेमाल कर बिजली चोरी की जा रही है।
बिजली चोरी के मामलों में आमतौर पर मीटर से छेड़छाड़ की जाती है। कुछ मामलों में देखा गया कि चोर मीटर का सील खोलकर उसमें रिमोट-ऑपरेटेड रेडियो फ्रीक्वेंसी सर्किट लगाते हैं, जिससे एक बटन दबाते ही मीटर की रीडिंग रुक जाती है। इसके अलावा सिरिंज से एसिड डालकर मीटर की बॉडी कमजोर कर दी जाती है ताकि इसे आसानी से खोला जा सके।
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स्मार्ट मीटर में हेरफेर कर बिजली चोरी का पहला मामला तीन साल पहले गोरखपुर में सामने आया था। वहां चोर मीटर का न्यूट्रल वायर काटकर बिजली चोरी कर रहे थे। वहीं, 11 दिसंबर 2022 को एसटीएफ ने आशियाना इलाके में एक गिरोह पकड़ा था, जो एसिड और अन्य तकनीकों से स्मार्ट मीटर की स्पीड धीमी कर रहा था।
बिजली विभाग अब ऐसे चोरों पर सख्ती बरतने की तैयारी में है। अधिकारियों के मुताबिक, स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी करने वालों पर अब सीधी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, लेसा अब उच्च तकनीक से मीटरों की निगरानी करने और संदिग्ध मीटरों का ऑडिट करने की योजना बना रहा है।
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