
उत्तर प्रदेश का उद्योग जगत नई ऊंचाइयों को छू रहा है और इसका सबसे सशक्त उदाहरण बनकर सामने आया है यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS 2025)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदृष्टि और पारदर्शी औद्योगिक नीतियों का नतीजा है कि इस बार का आयोजन न सिर्फ सूबे के उद्यमियों को वैश्विक बाजार से जोड़ रहा है, बल्कि निवेश और औद्योगिक विकास की नई संभावनाओं के रास्ते भी खोल रहा है।
यूपीआईटीएस का सबसे चर्चित पहलू है बी2बी मीटिंग्स का डिजिटल और पारदर्शी मॉडल। करीब 520 विदेशी खरीदार इस बार ग्रेटर नोएडा पहुंचे हैं और उद्यमियों के साथ उनकी लगातार बैठकें और एमओयू (MoU) हो रहे हैं। यूपीआईटीएस की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकृत हर विदेशी बॉयर की जानकारी, वह किस हॉल में किस टेबल पर उद्यमियों से मिलेगा—सब पारदर्शी तरीके से उपलब्ध है। इसी व्यवस्था के तहत उद्यमी खुद स्लॉट बुक कर विदेशी खरीदारों से सीधी बातचीत कर पा रहे हैं।
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बी2बी हॉल में जब कोई उद्यमी अपने उत्पाद का परिचय देता है और विदेशी खरीदार प्रभावित होता है, तो वहीं पर तत्काल एमओयू पर साइन कर दिया जाता है। यह तेज़ प्रक्रिया न केवल व्यापार को गति देती है, बल्कि स्थानीय उद्योगों को तुरंत वैश्विक बाजार में उतारने का अवसर भी देती है। वहीं, यदि कोई खरीदार तत्काल समझौते तक नहीं पहुंचता है, तो इसे बिजनेस लीड माना जाता है, जो आगे चलकर लंबे अनुबंधों और गहरे व्यापारिक रिश्तों का आधार बन सकती है।
यूपीआईटीएस के इस पारदर्शी डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए उद्यमियों को प्रतिदिन हजारों की संख्या में लीड्स मिल रही हैं। कई छोटे-बड़े उद्यमी मौके पर ही विदेशी बॉयर्स से समझौते कर रहे हैं, जबकि हजारों उद्यमियों ने ग्लोबल मार्केट तक अपनी सीधी पहुंच बना ली है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य है कि “उत्तर प्रदेश को भारत का ग्रोथ इंजन बनाया जाए।” यूपीआईटीएस इसी लक्ष्य की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। स्टार्टअप्स, एमएसएमई और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) से जुड़े उद्यमियों को यहां विश्व स्तरीय मंच मिला है। साथ ही राज्य की मजबूत आधारभूत संरचना—सड़क, बिजली, एयरपोर्ट और लॉजिस्टिक नेटवर्क—ने विदेशी निवेशकों का भरोसा भी मजबूत किया है।
यूपीआईटीएस 2025 का आयोजन साबित कर रहा है कि उत्तर प्रदेश अब सिर्फ भारतीय बाजार तक सीमित नहीं है, बल्कि वह वैश्विक व्यापारिक नक्शे पर अपनी गहरी छाप छोड़ने के लिए तैयार है। विदेशी बॉयर्स और भारतीय उद्यमियों के बीच बनी यह सीधी कड़ी आने वाले वर्षों में करोड़ों के कारोबार और हजारों रोजगारों का मार्ग प्रशस्त करेगी।
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