शाहजहांपुर की नेहा कश्यप ने मिशन शक्ति के तहत मशरूम खेती से आत्मनिर्भरता हासिल की। एकता समूह की सभी महिलाएं उद्यमी बनीं। वे उत्पादन को बड़े बाजार तक पहुंचाने और अधिक महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखती हैं।

शाहजहांपुर के ग्राम जिन्दपुरा से नेहा कश्यप ने मिशन शक्ति के तहत महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का नया अध्याय लिखा है। नेहा ने एकता स्वयं सहायता समूह की अगुआई करते हुए मशरूम खेती में सफलता हासिल की, जिससे न केवल उनकी बल्कि समूह की दस महिलाओं की जिंदगी बदल गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महिला सशक्तीकरण योजना ने इन्हें आर्थिक स्वतंत्रता के साथ सामाजिक सम्मान भी दिया है।

सीमित संसाधनों से बड़ा परिवर्तन: नेहा की मशरूम खेती की कहानी

नेहा कश्यप ने अपनी मेहनत और संकल्प से सीमित संसाधनों को संभाला और ग्राम जिन्दपुरा में 42x36 फीट के मशरूम फार्म की स्थापना की। उन्होंने परिवार के सहयोग से वटन और ढिंगरी प्रजाति की मशरूम खेती शुरू की, जिससे महीने में ₹40,000 से ₹50,000 की आमदनी हो रही है। स्टार्टअप फंड और मिशन शक्ति के तहत मिली मदद ने उन्हें यह मुकाम हासिल करने में मदद की।

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एकता समूह की सभी महिलाएं बनीं सफल उद्यमी

नेहा के नेतृत्व में एकता समूह की दस सदस्य महिलाएं बकरी पालन, सिलाई और जरी कढ़ाई जैसे कार्यों में सफलतापूर्वक रोजगार अर्जित कर रही हैं। मिशन शक्ति कर्मचारियों की मदद से महिलाओं ने अपने कौशल को विकास की राह पर आगे बढ़ाया है। नेहा का लक्ष्य अब अपने मशरूम उत्पादन को बड़े बाजारों तक पहुँचाना और ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है। वे चाहती हैं कि जिन्दपुरा की महिलाएं पूरे जिले और प्रदेश के लिए प्रेरणा बनें।

महिला सशक्तीकरण की मिसाल बनी नेहा कश्यप

नेहा कहती हैं, “मिशन शक्ति ने हमें केवल आर्थिक समर्थन ही नहीं दिया, बल्कि आत्मविश्वास और सुरक्षा का भी एहसास कराया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह अभियान हमारे लिए गर्व की बात है। महिलाएं संगठित हों, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।।”

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