
बहराइच/लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को बहराइच पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले हवाई सर्वेक्षण किया और फिर मानव-वन्यजीव संघर्ष से प्रभावित ग्रामीणों से मुलाकात की। सीएम ग्रामसभा मंझारा, तौकली और कैसरगंज पहुंचे और पीड़ित परिवारों से संवाद किया। उन्होंने हर पीड़ित की बात सुनी, उनका दर्द जाना और राहत सामग्री व बच्चों को चॉकलेट वितरित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर पीड़ा और कठिनाई में ग्रामीणों के साथ खड़ी है।
सीएम योगी ने कहा कि कोशिश की जाए कि भेड़िया जिंदा पकड़ा जाए। यदि वह पकड़ा नहीं जाता है तो वन विभाग शूटर बुलाकर उसे मार गिराए, ताकि लोगों को आतंक से राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार हर मुश्किल घड़ी में जनता के साथ है और हरसंभव मदद दी जाएगी। प्रशासन को निर्देश दिया गया कि घायलों का तुरंत इलाज सुनिश्चित करें। साथ ही सांसद और विधायकों के माध्यम से पीड़ित परिवारों को तत्काल 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछली बार महसी क्षेत्र में भी भेड़ियों का आतंक फैला था। उस समय छह भेड़ियों को पकड़कर चिड़ियाघर भेजा गया था। अब कैसरगंज क्षेत्र में आतंक देखने को मिल रहा है और यहां भी जल्द ही ग्रामीणों को इससे राहत दिलाई जाएगी।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि घाघरा नदी के तटवर्ती इलाकों में हर साल बरसात के मौसम में वन्यजीव जैसे भेड़िया और लकड़बग्घा मानव बस्तियों में घुस आते हैं। जब नदी का पानी बढ़ जाता है और मांद में पानी भर जाता है तो ये जानवर बाहर निकलकर बच्चों और कमजोर लोगों पर हमला करते हैं। सरकार ने मानव-वन्यजीव संघर्ष को आपदा की श्रेणी में रखा है, ताकि पीड़ितों को सहायता मिल सके। मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये की सहायता दी जा रही है, वहीं घायलों का इलाज और आर्थिक मदद भी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए 21 टास्क फोर्स बनाई हैं। इनमें ग्राम रोजगार सेवक, पंचायत सहायक, ग्राम सचिव, सफाईकर्मी, विकास अधिकारी और ग्राम चौकीदार शामिल हैं। ये टीमें गांवों में जागरूकता फैलाने और वन्यजीवों से बचाव के उपाय बता रही हैं। इसके अलावा वन विभाग ने भी छह विशेष टीमें तैनात की हैं। विद्युत और पुलिस विभाग ने लगातार पेट्रोलिंग शुरू की है। क्षेत्र में 1437 एलईडी स्ट्रीट लाइट, 660 स्ट्रीट लाइट और 91 सोलर लाइट लगाई गई हैं।
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सीएम ने प्रशासन को निर्देश दिए कि जिनके पास पक्का मकान नहीं है उन्हें आवास योजना का लाभ मिले। जिन घरों में दरवाजे नहीं हैं वहां दरवाजे लगवाए जाएं और जहां शौचालय नहीं बने हैं वहां तुरंत निर्माण कराया जाए। घायलों को एंटी-रेबीज वैक्सीन उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि हर जरूरतमंद को हरसंभव सहायता दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मझला तौकली सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां वन विभाग की टीम को कोने-कोने में सर्च ऑपरेशन चलाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि एरियल सर्वे में दो जगह वन्यजीव दिखाई दिए हैं, जो सियार या कोई अन्य जानवर हो सकते हैं। यह क्षेत्र अति संवेदनशील है क्योंकि नदी किनारे बने मांदों से जानवर पानी बढ़ने पर मानव बस्तियों में आ जाते हैं और अंधेरे का फायदा उठाकर बच्चों व कमजोर लोगों को निशाना बनाते हैं।
इस मौके पर वन राज्यमंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, कैसरगंज सांसद करण भूषण सिंह, बहराइच सांसद आनंद कुमार गोड़, विधायक अनुपमा जायसवाल, सुरेश्वर सिंह, सुभाष त्रिपाठी, सरोज सोनकर, रामनिवास वर्मा, विधान परिषद सदस्य पद्मसेन चौधरी, डॉ. प्रज्ञा त्रिपाठी, जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू सिंह, पूर्व मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा और भाजपा जिलाध्यक्ष बृजेश पांडेय भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अलग-अलग हमलों में अब तक चार बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें कैसरगंज की ज्योति, महसी की संध्या, मझला तौकली के अंगेश और सोनी शामिल हैं। वहीं, 16 लोग घायल हुए हैं, जिनमें शिवप्यारी, मदन, श्यारथी, चंद्रिका, हरदेई, मनीषा, अंजली, पृथ्वीनाथ, सूरजलाल, सिताबी, शांति, राजाराम, प्रिंसु, अनिकेश, हरिशचंद्र और सावित्री देवी शामिल हैं। मझला तौकली में भेड़िए ने लगातार हमले कर दहशत फैला दी है।
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