UPITS 2025: उत्तर प्रदेश वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यूपी 2017 से पिछड़ेपन से निकलकर अब आर्थिक तरक्की का मॉडल बन गया है। UP का बजट 8 लाख करोड़ पार, 15 लाख करोड़ का निवेश, MSME रोजगार में अग्रणी और FDI में देश में नंबर वन।

ग्रेटर नोएडा, 27 सितंबर। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि 2017 से पहले यूपी को पिछड़ा राज्य माना जाता था, लेकिन आज यह आर्थिक तरक्की की मिसाल बन चुका है। अब यूपी सुरक्षा और सुशासन का पर्याय बन गया है और विकास के पैमाने पर चौतरफा तरक्की कर रहा है। वह यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS) में आयोजित ट्रांसफॉर्मिंग फाइनेंशियल लैंडस्केप इन यूपी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर एमएसएमई, खादी और ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान, वित्त विभाग के विशेष सचिव समीर वर्मा और बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य महा प्रबंधक इंदर मोहन सिंह समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

UP इंटरनेशनल ट्रेड शो बना उद्यमियों के लिए बेहतरीन प्लेटफॉर्म

वित्त मंत्री ने कहा कि यूपीआईटीएस न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश के उद्यमियों और निवेशकों के लिए शानदार प्लेटफॉर्म है। इस आयोजन की बढ़ती सफलता का अंदाजा यहां लगातार बढ़ रही निवेशकों और उद्यमियों की संख्या से लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि योगी सरकार और केंद्र की एनडीए सरकार आने के बाद कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है और संगठित अपराध पर पूरी तरह अंकुश लगा है। यही वजह है कि जो प्रदेश कभी आर्थिक पिछड़ेपन के लिए जाना जाता था, आज तेजी से तरक्की कर रहा है।

UP का बजट और निवेश में ऐतिहासिक वृद्धि

सुरेश खन्ना ने बताया कि योगी सरकार बनने से पहले यूपी का बजट आकार सिर्फ 3 लाख करोड़ रुपये तक था। लेकिन अब यह बढ़कर 8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुका है। बेहतर कानून व्यवस्था के चलते यूपी में विकास की गंगा बह रही है और अब तक 15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश हो चुका है। निवेशकों की सहूलियत के लिए सरकार ने ‘निवेश मित्र’ और ‘निवेश सारथी’ जैसे एप भी शुरू किए हैं।

FDI आकर्षित करने में UP देश में नंबर वन

वित्त मंत्री ने कहा कि यूपी विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित करने में देश का अग्रणी राज्य बन चुका है। अब तक 3,700 करोड़ रुपये से अधिक का एफडीआई आ चुका है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों का परिणाम है, जो भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने राष्ट्रीयकृत बैंकों से अपील की कि वे आत्मनिरीक्षण करें और सीडी रेश्यो (Credit Deposit Ratio) सुधारने की दिशा में काम करें, ताकि उद्यमियों को आसानी से ऋण मिल सके।

GST सुधार से जनता और उद्योग दोनों को लाभ

सुरेश खन्ना ने कहा कि जीएसटी सुधारों से जनता को सीधा लाभ मिलेगा। 2014 से पहले यूपी का निर्यात सिर्फ 84,000 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 1,76,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। उन्होंने बताया कि यूपी की अर्थव्यवस्था में जबरदस्त उछाल आया है। बजट में 133% की वृद्धि हुई है और 2024-25 में यूपी 59,000 करोड़ रुपये के राजस्व अधिशेष (Revenue Surplus) राज्य के रूप में उभरा है। यानी यूपी की आय उसके खर्च से कहीं ज्यादा है, और इस मामले में यूपी देश का अग्रणी राज्य बन गया है।

MSME सेक्टर: सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता

MSME, खादी और ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान ने कहा कि इस बार यूपी का बजट अब तक का सबसे बड़ा रहा है। आज यूपी देश की जीडीपी में योगदान के मामले में दूसरे स्थान पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ODOP) और ‘विश्वकर्मा योजना’ जैसी योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया गया है। हाल ही में विश्वकर्मा जयंती पर 10 नए ट्रेड इस योजना में जोड़े गए हैं।

युवाओं के लिए रोजगार और उद्यम के नए अवसर

सचान ने बताया कि कृषि के बाद एमएसएमई सबसे बड़ा सेक्टर है, जो रोजगार देता है। जीएसटी सुधारों के बाद इस सेक्टर में तेजी से विकास हो रहा है। बड़ी संख्या में युवा अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण हेतु आवेदन कर रहे हैं। अब तक सात लाख से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं जिन्हें समीक्षा के बाद बैंकों को भेजा गया है। हालांकि कई युवाओं को ऋण पाने में कठिनाई आती है। उन्होंने बैंकों से अपील की कि कोई भी युवा ऋण से वंचित न रह जाए।

MSME क्रेडिट कार्ड की मांग

उद्योगपतियों की मांग का जिक्र करते हुए सचान ने कहा कि जिस तरह किसानों को ऋण सुविधा के लिए क्रेडिट कार्ड मिलता है, उसी तर्ज पर एमएसएमई के लिए भी अलग क्रेडिट कार्ड जारी किया जाना चाहिए। इससे छोटे और मझोले उद्यमियों को सीधी मदद मिलेगी और उद्यमिता को और बढ़ावा मिलेगा।

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