क्या है मधुमिता हत्याकांड केसः तीसरी बार हुई प्रेग्नेंट प्रेमिका, तो UP के पूर्व मंत्री ने मरवा डाला

Published : Aug 25, 2023, 08:50 AM ISTUpdated : Aug 25, 2023, 01:23 PM IST

20 साल पहले उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल लाने वाले मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के आरोपी पूर्वांचल के पूर्व बाहुबली नेता और एक्स मिनिस्टर अमरमणि त्रिपाठी पत्नी सहित जेल से रिहा हो रहे हैं।

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लखनऊ. 20 साल पहले उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल लाने वाले मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के आरोपी पूर्वांचल के पूर्व बाहुबली नेता और एक्स मिनिस्टर अमरमणि त्रिपाठी पत्नी सहित जेल से रिहा हो रहे हैं। 9 मई, 2003 को अपनी प्रेग्नेंट प्रेमिका मशहूर कवियित्री मधुमिता की लखनऊ स्थित पेपरमिल कॉलोनी में शॉर्ट शूटर से हत्या कराने वाले अमरमणि को उनके अच्छे आचरण के चलते समय से पहले जेल से छोड़ा जा रहा है। उन्हें उम्र कैद की सजा हुई थी। इस मामले में मधुमिता की बहन ने निधि शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, इस पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया गया है7 हालांकि रिहाई को बरकरार रखा गया है।

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मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में देहरादून के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 24 अक्टूबर 2007 को अमरमणि त्रिपाठी, उनकी पत्नी मधुमणि, भतीजे रोहित चतुर्वेदी और शूटर संतोष राय को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

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अमरमणि त्रिपाठी सिर्फ अय्याशियों के लिए मधुमिता का इस्तेमाल कर रहे थे। 2 बार मधुमिता शुक्ला का अबॉर्शन कराया गया था, लेकिन तीसरी बार जब वो प्रेग्नेंट हुई, तो अबॉर्शन से मना कर दिया। तब उसे रास्ते से हटाने अमरमणि ने शूटर संतोष राय को हायर किया था।

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7 महीने की प्रेग्नेंट मधुमिता को 9 मई 2003 को लखनऊ की पेपर मिल कालोनी स्थित उसके घर में गोली मार दी गई थी। इसके लिए अमरमणि त्रिपाठी ने लखनऊ से 2 शूटर संतोष राय और प्रकाश को भेजा था।

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यूपी के लखीमपुर खीरी के एक छोटे से कस्बे की निवासी मधुमिता शुक्ला 16 साल की उम्र से ही वीर रस की कविताओं के जरिये मशहूर हो गई थीं। बाद में वो लखनऊ शिफ्ट हो गई थीं।

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अमरमणि त्रिपाठी और मधुमिता शुक्ला के प्रेम प्रसंग का खुलासा उनके नौकर देशराज ने किया था। इस हत्याकांड ने यूपी की राजनीति को हिला दिया था।

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महाराजगंज जिले के नौततनवां विधानसभा(पूर्व में लक्ष्मीपुर) से MLA रहे अमरमणि त्रिपाठी को कल्याण सिंह सरकार में मिनिस्टर बनाया गया था। हालांकि मधुमिता हत्याकांड में नाम आने पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था।

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इस हाईप्रोफाइल मर्डर मिस्ट्री की जांच CBI ने की थी। जांच के दौरान अमरमणि की पत्नी मधुमणि को रिमांड पर लेकर पूछता की गई थी।

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