
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में इको टूरिज्म को प्रोत्साहित करने के लिए नई पहल की गई है। यूपी इको टूरिज्म बोर्ड और सिंचाई विभाग मिलकर प्रदेश के प्रमुख बांधों और जलाशयों पर एडवेंचर और वॉटर स्पोर्ट्स आधारित सुविधाओं का विकास करेंगे। इस योजना से राज्य की पर्यटन अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और स्थानीय युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर तैयार होंगे।
योजना के तहत झांसी की गढ़मऊ झील, बांदा का नवाब टैंक, महोबा का अर्जुन डैम, सोनभद्र का ढंढरौल डैम, हमीरपुर का मौदहा डैम, चित्रकूट का गुंता डैम और सिद्धार्थनगर का मझौली सागर इको टूरिज्म हब के रूप में विकसित होंगे।
इन स्थानों पर प्रवेश द्वार, कॉटेज, टिकट काउंटर, कैंटीन, बच्चों का खेल क्षेत्र, इंटरप्रिटेशन सेंटर, सुंदर लैंडस्केपिंग, सोलर लाइटिंग और सेल्फी प्वाइंट जैसी सुविधाएं बनाई जाएंगी। साथ ही बोटिंग, फिशिंग, वॉटर स्पोर्ट्स, एक्वा प्रेशर वॉकवे जैसी गतिविधियाँ पर्यटकों को नया अनुभव देंगी।
सिद्धार्थनगर का मझौली सागर इस योजना की सबसे बड़ी परियोजना है। यहां 88.2 हेक्टेयर क्षेत्र में इंटरप्रिटेशन सेंटर, फ्लोटिंग जेट्टी, टॉय ट्रेन, कॉटेज और रेस्टोरेंट जैसी सुविधाओं का विकास प्रस्तावित है।
हर जलाशय पर विकसित होंगी खास सुविधाएँ
पर्यटन विभाग का कहना है कि जिन क्षेत्रों में पहले से धार्मिक, प्राकृतिक और ऐतिहासिक पर्यटन है, वहां यह नई पहल पर्यटकों को और आकर्षित करेगी। सिंचाई विभाग की मंजूरी के बाद परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा। निर्माण कार्य शुरू होते ही इन क्षेत्रों में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे राज्य के राजस्व और स्थानीय रोजगार दोनों में वृद्धि सुनिश्चित होगी।
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