
उत्तराखंड। उत्तराखंड सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए लिव-इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन और उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग को अनिवार्य कर दिया है। इतना ही नहीं अगर आपको अपने पार्टनर के साथ लिव-इन में रहना है तो अपने माता पिता की परमिसन ले कर रहना पड़ेगा।।
इस कदम के तहत, राज्य सरकार यूनीफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लागू करने जा रही है, जो 26 जनवरी से प्रभावी होगा। इस नई नीति का उद्देश्य नागरिकों को एक समान कानूनी अधिकार प्रदान करना है और पारिवारिक विवादों को सुलझाने में पारदर्शिता लाना है।
यह भी पढ़ें : पति गया था कमाने, ससुर बन गया शैतान! बहु के कमरे में घुसकर गंदी हरकत, फिर…
उत्तराखंड सरकार ने अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण की शुरुआत की है, ताकि वे इस नई व्यवस्था और यूसीसी पोर्टल से परिचित हो सकें। प्रशिक्षण कार्यक्रम एसडीएम की उपस्थिति में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें 14 अधिकारियों ने भाग लिया। यह प्रशिक्षण 20 जनवरी को समाप्त होगा। पोर्टल के माध्यम से नागरिकों को शादी, तलाक, लिव-इन पंजीकरण, वसीयत, उत्तराधिकार, और कानूनी शिकायतों जैसे महत्वपूर्ण सेवाओं की सुविधा दी जाएगी।
नए नियमों के तहत, लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण और उनकी समाप्ति को अब कानूनी तौर पर मान्यता प्राप्त होगी। यदि कोई तीसरा व्यक्ति विवाह या लिव-इन रिलेशन पर आपत्ति जताता है, तो वह शिकायत दर्ज करा सकता है। इसके अलावा, गलत सूचनाओं और विवादों को सुलझाने के लिए एक उप-पंजीयक को जिम्मेदार ठहराया गया है, जो शिकायतों का सत्यापन करेगा।
इस नए कदम से उत्तराखंड में पारिवारिक विवादों को सुलझाने और नागरिकों को कानूनी सुरक्षा देने में मदद मिलने की उम्मीद है। सरकार का उद्देश्य एक समान नागरिक संहिता के तहत सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर प्रदान करना है।
यह भी पढ़ें : छात्र के साथ हैवानियत: नग्न कर मारपीट, बरसाए पत्थरों! वीडियो वायरल
उत्तराखंड के तीर्थ-पर्यटन केंद्रों, पहाड़ी इलाकों, मौसम, सरकारी योजनाओं और स्थानीय प्रशासन से जुड़ी ताज़ा खबरें पढ़ें। देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार और पहाड़ी ज़िलों की रिपोर्ट्स के लिए Uttarakhand News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — विश्वसनीय और विस्तृत राज्य कवरेज यहीं।