उत्तराखंड में स्वच्छता अभियान की समीक्षा: क्या चलेगी बदलाव की बयार?

Published : Feb 06, 2025, 04:27 PM IST
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सार

उत्तराखंड में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की समीक्षा बैठक में शौचालय आच्छादन, कचरा प्रबंधन और मौजूदा संरचनाओं के रखरखाव पर ज़ोर दिया गया। मिशन की समय सीमा बढ़ाकर 2025-26 तक कर दी गई है।

देहरादून। दो दिवसीय उत्तराखंड भ्रमण पर आए संयुक्त सचिव पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय जितेंद्र श्रीवास्तव की सचिव पेयजल उत्तराखंड शासन तथा संबंधित अधिकारियों के साथ स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के संबंध में सचिवालय में समीक्षा बैठक आयोजित हुई। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की समीक्षा के दौरान संयुक्त सचिव जल शक्ति मंत्रालय द्वारा अपेक्षा की गई कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शत - प्रतिशत शौचालय आच्छादन तथा ठोस कचरे का प्रबंधन ग्राम स्तर पर सुनिश्चित किया जाए।

साथ ही कहा कि जितनी भी स्वच्छता से संबंधित संरचनाओं पहले से बनी हुई हैं उनका ठीक तरह से रखरखाव और संचालन सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए ग्राम स्तर पर यूजर चार्जेज भी लिया जाए तथा सभी पंचायतें अपना स्वच्छता प्लान भी बनाएं। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण से जुड़े हुए उत्तराखंड के अधिकारियों ने संयुक्त सचिव जल शक्ति मंत्रालय को अवगत कराया कि प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण - 2) कोविड काल एवं अन्य कारणों से पूर्ण नहीं किया जा सका जिसके चलते स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण- 2) की अवधि को 1 वर्ष के लिए विस्तारित (2025 - 26 तक) किया गया है। विस्तारित अवधि के उपरांत स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज - 3 को 2026- 27 से स्वीकृत किया जाएगा।

इस दौरान बैठक में सचिव पेयजल शैलेश बगोली, निदेशक स्वजल युगल किशोर पंत, संयुक्त निदेशक पंचायतीराज हिमाली जोशी, इकाई समन्वयक स्वजल सुनील तिवारी व अनुज कौशिक सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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