जब भी आप कोई ऐप अपने फ़ोन में इंस्टॉल करते हैं, तो वो कुछ परमिशन मांगता है। कॉन्टैक्ट्स, मैसेज देखने के लिए परमिशन मांगता है। फोटोज़, वीडियो देखने के लिए परमिशन मांगता है। अगर आप allow नहीं करेंगे, तो ऐप इंस्टॉल नहीं होगा। इसलिए हम जानते हुए या अनजाने में allow कर देते हैं। यहीं पर हमारा पर्सनल डेटा दूसरों के हाथ लग जाता है।
मोबाइल खरीदते समय कुछ सेटिंग्स पहले से ही ऑन होती हैं। आपकी मोबाइल कंपनी इन्हें डिफ़ॉल्ट रूप से सेट करती है। इनमें से ज़्यादातर ऑप्शन हमारे लिए अच्छे होते हैं, लेकिन कुछ ऑप्शन ऐसे भी होते हैं जो हमारा डेटा दूसरों तक पहुँचा सकते हैं।