इस देश में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े तो महिलाओं ने किया ऐसा विरोध-प्रदर्शन.. रियल फोटो देख आ जाएगी शर्म

जर्मनी में दो महिलाओं ने अनूठा विरोध प्रदर्शन किया। ये महिलाएं चांसलर के सामने टॉपलेस हो गईं। महिलाओं का दावा है कि देश में पेट्रोल-डीजल और गैस के दाम बढ़ रहा है। साथ ही, उनकी मांग थी कि रूस को गैस का निर्यात बंद किया जाए। 

Asianet News Hindi | / Updated: Aug 24 2022, 06:48 AM IST

बर्लिन। विरोध और प्रदर्शन के लिए लोग अजीबो-गरीब तरीके अपनाते हैं। कोई सड़क बंद कर देता है तो देश और प्रदेश। कोई हड़ताल पर चला जाता है, तो काली पट्टी बांध लेता है। कहीं रैली निकाली जाती है, तो कहीं जनसभा की जाती है। कुछ लोग इसे शांतिपूर्ण तरीके से करते हैं, तो कुछ हिंसक तरीका अपनाते हैं। मतलब, अलग-अलग तरीके से लोग अपनी बात मनवाने या किसी बात पर नाराजगी जताने के लिए विभिन्न तरीके से विरोध-प्रदर्शन करते हैं। 

बहरहाल, ऊपर तमाम बातों में से एक बात हम बतान भूल गए और यह एक जगह कुछ लोगों ने किया भी है। दरअसल, विरोध का यह तरीका नग्न होकर प्रदर्शन करना। जी हां, यह सही है। वैसे, कुछ लोग पूरे नंगे हो जाते हैं, जबकि कुछ अर्धनग्न रहकर ही प्रदर्शन करते हैं। अब पता नहीं ऐसा क्यों करते हैं, मगर यह भी एक तरीका है विरोध प्रदर्शन का और जर्मनी में दो महिलाओं ने चांसलर के साथ ऊपरी कपड़े निकालकर यानी टॉपलेस होकर प्रदर्शन किया। 

चांसलर की सुरक्षा टीम ने दोनों महिलाओं को तुरंत हटाया 
यह प्रदर्शन असल में जर्मनी में पेट्रोल-डीजल और दूसरे जरूरी ईंधन के दाम बढ़ने की वजह से हुआ। दोनों महिला जर्मन चांसलर ओलफ स्कॉल्ज के सामने सेमी न्यूड होकर पहुंच गईं। उन्होंने अपने शरीर पर लिखवाया हुआ था कि गैस का निर्यात तुरंत रोका जाए। हालांकि, चांसलर की सुक्षा टीम ने दोनों महिलाओं को पकड़कर वहां से हटा दिया। दावा किया जा रहा है कि जर्मनी में लोग स्कॉल्ज के काम करने के तरीकों से खुश नहीं हैं और ज्यादातर लोग उनके नेतृत्व और कार्यशैली की आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब से उन्होंने पद संभाला है, देश में महंगाई चरम पर बढ़ गई है और मंदी  का संकट गहराता जा रहा है। 

16 साल तक पद पर रहने के बाद मर्केल ने ले लिया था रिटायरमेंट 
बता दें कि पिछले साल यानी 26 सितंबर 2021 को एंजेला मर्केल ने 16 साल तक चांसलर के पद पर रहने के बाद यह रिटायरमेंट ले लिया था। मर्केल 2005 से 2021 तक इस पद पर रहीं और स्वेच्छा से इस पद को छोड़ने का फैसला ले लिया था। यही नहीं, उन्होंने अब कभी चुनाव नहीं लड़ने का फैसला भी लिया। दावा किया जाता है एंजेला मर्केल के चांसलर रहते, जर्मनी ने कई ऊंचाइयों को छुआ, मगर स्कॉल्ज के आने के बाद स्थितियां बिगड़ गईं और अर्थव्यवस्था बिगड़ती जा रही है, जिससे लोग उनसे नाखुश हैं। 

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