रोचक तथ्य: April Fool कब व किस देश से बना जमाने का दस्तूर, आज सिर्फ यूक्रेन के ओडेसा में होता है पब्लिक हॉलिडे

Published : Apr 01, 2022, 07:55 AM IST
रोचक तथ्य: April Fool कब व किस देश से बना जमाने का दस्तूर, आज सिर्फ यूक्रेन के ओडेसा में होता है पब्लिक हॉलिडे

सार

अप्रैल फूल (April Fool) को मनाने की परंपरा कब और किस देश से शुरू हुई, इस पर इतिहासकार अलग-अलग राय रखते हैं। कोई कहता है यह फ्रांस (France) से शुरू हुआ, तो कोई स्कॉटलैंड (Scotland) से तो कुछ इसे इजिप्ट (Egypt) से शुरू होना मानते हैं। अब सच क्या है, किसी को नहीं पता, मगर इस दिन को मनाने का आनंद प्रेम से लेते रहिए।  

नई दिल्ली। April Fools Day 2022: अप्रैल फूल (April Fool) हर साल पहली अप्रैल को (First April) मनाया जाता है। यह खास दिन मनाने का सिलसिला कब और कहां से शुरू हुआ, इसकी सटीक जानकारी आज भी नहीं हैं। कुछ इतिहासकार इसे फ्रांस (France) से जोड़ते हैं, तो कुछ प्राचीन इजिप्ट (Egypt) से। वहीं कुछ इसे स्कॉटलैंड (Scotland) से जोड़कर भी देखते हैं। अब हकीकत क्या है, यह तो कोई नहीं जानता, मगर इस दिन को मनाने का अपना ही मजा है। 

इन दिनों रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine Conflict) के बीच जबरदस्त युद्ध छिड़ा हुआ है। अब तक हजारों  लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग शरणार्थी बनकर एक जगह से दूसरी जगह भटक रहे हैं। सबसे ज्यादा खराब हालत बच्चों और बुजुर्गों की है। वहीं, ऐसे समय में आज के दिन यूक्रेन के एक शहर ओडेसा का जिक्र जरूर होना चाहिए। दरअसल, दुनियाभर में यह अकेला शहर है, जहां पहली अप्रैल को सार्वजनिक छुट्टी होती है। 

फ्रांस ने कैलेंडर बदलकर शुरू किया यह खास दिन!
वैसे, इतिहासकारों की मानें तो अप्रैल फूल डे (April Fool Day) को हर साल मनाने की परंपरा 1582 से शुरू हुई। इसी साल फ्रांस ने जूलियन कैलेंडर से ग्रेगोरियन कैलेंडर का रुख किया था। यहां कई लोगों ने इसका विरोध किया और पुराने जूलियन कैलेंडर को फॉलो करना जारी रखा। फ्रांस पहला देश बना, जिसने नया कैलेंडर स्वीकार किया और इसे लागू किया। जिन लोगों ने पुराने कैलेंडर फॉलो करते हुए 1 अप्रैल को नया साल मनाया, उनका मजाक उड़ाया गया। उनकी पीठ पर कागज की मछली बनाकर चिपका दी जाती, जो यह साबित करता कि वे मूर्ख हैं। नया कैलेंडर लागू होने के करीब चार सौ साल बाद 1952 से 1 जनवरी को नया साल मनाया जाने लगा। इससे पहले हर साल नया साल 31 मार्च को मनाया जाता था। 

स्कॉटलैंड में दो दिन तक मनाया जाता है यह मस्तीभरा दिन 
यही नहीं, ब्रिटेन के स्कॉटलैंड से भी इस दिन का खास संबंध बताया जाता है। वैसे यहां अप्रैल फूल मनाने की शुरुआत 18वीं सदी में हुई। यहां दो दिनों तक अप्रैल फूल मनाया जाता है। इस दिन की  परंपरा हंटिंग द गौक यानी मूर्ख व्यक्ति का शिकार से शुरू हुई। इसमें मूर्ख के प्रतीक लोगों को पक्षी की फोटो भेजी जाती है। वहीं, दूसरे दिन टेलि डे के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन लोगों के पीछे पूंछ या फिर किक मी जैसे शब्द या फिर सिंबल चिपकाकर उनके साथ मस्ती की जाती है। 

इजिप्ट से कैसे है अप्रैल फूल का संबंध 
वहीं, कुछ इतिहासकार इस दिन को हिलेरिया शब्द से जोड़ते हैं। दरअसल, हिलेरिया लैटिन शब्द है और इसका अर्थ होता है आनंद या मौज-मस्ती। प्राचीन रोम में सिबेल समुदाय के लोग इसे मार्च कें अंत में मनाते थे। लोग इसमें वेश बदलकर मजाक उड़ाते थे। यही नहीं, अप्रैल फूल को इजिप्ट यानी मिस्र की प्राचीन कहानियों से भी जोड़ते हैं। कहा जाता है कि इस दिन को वर्नल इक्विनॉक्स यानी बसंत के आगमन का सूचक भी माना जाता है। इसमें दलील दी गई कि नेचर अपने बदलते स्वरूप से लोगों को बेवकूफ बनाता रहता है। 

हटके में खबरें और भी हैं..

यह भी पढ़ें: शख्स ने जिस पालतू कुत्ते को घर की हिफाजत के लिए रखा, वही बेटी को नोच-नोचकर खा गया 

यह भी पढ़ें: ब्रिटेन में हालात बदतर! नागरिकों के लिए चप्पल की हो गई कमी, जानें क्या हो रही अजीब अपील   

यह भी पढ़ें: शादीशुदा महिलाओं ने पुलिस से की शिकायत, कहा- यह हमें एक खास ऑफर देता है 

यह भी पढ़ें: सरकारी बस में सफर कर रहे मुर्गे का कटा टिकट, जाने फिर क्या हुआ   

PREV

Recommended Stories

बेंगलुरु की भीड़ में विदेशी टूरिस्ट ने ऑटो के अंदर देखा अनोखा नजारा-Watch Video
Son v/s Wife: लाखों की डिमांड किसकी होगी पूरी, वायरल तस्वीर पर नेटीजन्स ने मानी हार