
ट्रेंडिंग डेस्क। लोकतंत्र को खत्म कर सत्ता में बने रहने की चाहत और अपनी मनमर्जियां जनता पर थोपना, हिंसा करना किसी क्रूर तानाशाह की निशानी है। मानवाधिकारों का उल्लंघन करना वे अपनी शान समझते हैं। रोमन साम्राज्य कभी काफी दूर तक फैला हुआ था, मगर धीरे-धीरे इसकी जड़ें कमजोर होती गईं। समय बदला और इटली में लोकतांत्रिक व्यवस्था काबिज हुई। मगर कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा था।
इनमें से एक था बेनिटो मुसोलिनी। उसने करीब 21 साल तक देश पर शासन किया और अपने ही देश के लोगों से क्रूरता करता रहा, मगर जब समय ने करवट ली, तो वही हिंसा मुसोलिनी पर लोगों ने दिखाई। मुसोलिनी का जन्म 29 जुलाई 1883 को इटली के प्रिदाप्यो में हुआ था। उसके पिता लोहार थे, जबकि मां स्कूल टीचर। स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही मुसोलिनी के लक्षण दिख गए थे। हिंसा करना और लोगों को तंग करने में उसे मजा आता था। जब वह 19 साल का था, तक क्लास में पढ़ने वाले एक लड़के को बुरी तरह पीट दिया, जिसके बाद स्कूल से उसे निकाल दिया गया। मगर किस्मत अच्छी थी उसकी। पढ़ाई-लिखाई जैसे-तैसे पूरी हुई और फिर टीचर बन गया। मगर कुछ महीने बाद ही इटली छोड़कर स्विट्जरलैंड भाग गया। वहां से कुछ साल के बाद लौटा तो सेना में भर्ती हो गया। वहां भी मन नहीं लगा, तो पत्रकार बन गया। इसके बाद, नेतागिरी करने लगा और नेशनल फॉस्टिस्ट पार्टी का गठन किया।
21 साल तक शासन किया और लोगों पर मनमानी करता रहा
वह चाहता था कि पहला विश्व युद्ध इटली को ब्रिटेन और फ्रांस की तरफ से लड़ना चाहिए था। इसके बाद उसने देशवासियों को अपने तत्कालीन प्रधानमंत्री के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया। फिर एक दिन सैंकड़ों लोगों की भीड़ लेकर प्रधानमंत्री के दफ्तर पहुंच गया। यह साल 1922 की बात है। सेना ने भी तत्कालीन प्रधानमंत्री का साथ नहीं दिया। मतलब साथ कि वह अप्रत्यक्ष रूप से मुसोलिनी के साथ थी। मुसोलिनी ने सत्ता संभाली और मनमानी करने लगा। करीब 21 साल यानी 1943 तक वह देश में मनमानी करता रहा। लोगों को मारता, मरवाता रहा।
मुसोलिनी की डेड बॉडी पर पत्थर बरसाए और शव को उल्टा लटका दिया
इस दौरान उसने कुछ भयानक गलतियां कर दीं, जिसके बाद देश छोड़ने की नौबत आ गई। 26 अप्रैल 1945 को वह एक बार फिर स्विट्जरलैंड भागन की फिराक में था, मगर उसे पकड़ लिया गया। इस दौरान वह अपनी प्रेमिका क्लारेटा पेटाची और 16 अन्य दोस्तों को भी साथ ले जा रहा था। भीड़ की वजह से पकड़ा गया। दो दिन बाद उसे, उसकी प्रेमिका और दोस्तों को गोली मार दी गई। शवों को ट्रक में लादा गया और बीच सड़क पर फेंक दिया गया। लोगों में उसके प्रति इतनी नफरत फैली थी कि शव देखने के बाद भी वे बेकाबू हो गए और पत्थरों से मार-मार उसे विकृत कर दिया। फिर कुछ लोगों ने उनके शवों को उल्टा लटका दिया। मुसोलिनी को बचाने के लिए हिटलर ने काफी कोशिश की, मगर सफल नहीं हुआ।
पार्क में कपल ने अचानक सबके सामने निकाल दिए कपड़े, करने लगे शर्मनाक काम
किंग कोबरा से खिलवाड़ कर रहा था युवक, वायरल वीडियो में देखिए क्या हुआ उसके साथ