1947 में कश्मीर के राजा हरि सिंह ने 3 प्वाइंट के आधार पर विलय पत्र में किए थे हस्ताक्षर, जानें क्या थे वे विषय

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) खत्म हुए ढाई साल से  ज्यादा का वक्त बीत चुका है। वहीं, यह अनुच्छेद खत्म होने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज राज्य के दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरान वे करीब 20 हजार करोड़ रुपए की योजनाओं की आधारशिला रखेंगे। 

Asianet News Hindi | / Updated: Apr 24 2022, 09:07 AM IST

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज करीब तीन साल के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के दौरे पर जा रहे हैं। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 (Article 370) खत्म किए जाने के बाद यह उनका पहला दौरा होगा। उनके साथ जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) और ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) भी होंगे। ये सभी लोग सांबा जिले में आज पंचायती राज दिवस पर होने वाले समारोह में शिरकत करेंगे। 

इस दौरे पर प्रधानमंत्री करीब 20 हजार करोड़ की परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। इसमें प्रमुख रूप से 3100 करोड़ रुपए की लागत से तैयार बनिहाल-काजीगुंड रोड टनल भी है, जिसका आज उद्घाटन प्रधानमंत्री कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह टनल, जिसकी लंबाई 8.45 किमी है, बनिहाल और काजीगुंड के बीच सड़क की दूरी को 16 किमी तक कम कर देगी। 

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कब और कैसे लागू हुआ था 370 
इस मौके पर आज हम आपको बता रहे हैं कि कश्मीर के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह ने अक्टूबर 1947 में, जिस विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, वह किन तीन प्वाइंट के आधार पर था। ये तीन आधार थे विदेश मामले, संचार और रक्षा। जम्मू-कश्मीर इन तीन विषयों पर अपनी शक्ति भारत को हस्तांतरित करेगा। हरि सिंह ने मार्च 1948 में शेख अब्दुल्ला के साथ प्रधानमंत्री के तौर पर जम्मू-कश्मीर में अंतरिम सरकार नियुक्त किया। इसके बाद जुलाई 1949 में शेख अब्दुल्ला और सरकार के तीन अन्य लोग भारतीय संविधान सभा में शामिल हुए। इन लोगों ने जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति पर बात की। इसी के बाद राज्य में अनुच्छेद 370 लागू हुआ था। यानी करीब 70 साल बाद अगस्त 2019 में यह अनुच्छेद खत्म हुआ। 

शक्तियां क्या थीं इस कानून की 
- रक्षा, विदेशी मामले और संचार से जुड़े फैसलों को छोड़कर अन्य मामलों में संसद को राज्य में यदि कोई कानून लागू करना था तो इसके लिए जम्मू-कश्मीर सरकार से मंजूरी लेनी पड़ती थी। 

- इस राज्य में रहने वाले लोगों की नागरिकता, संपत्ति का कब्जा और मौलिक अधिकार, भारत के अन्य राज्यों में रह रहे लोगों से अलग था। यहां दूसरे राज्य के लोग आकर संपत्ति नहीं खरीद सकते थे। इसके अलावा केंद्र सरकार यहां फाइनेंशियल इमरजेंसी भी घोषित नहीं कर सकती थी। 

- अनुच्छेद 370 इस राज्य को भारतीय संघ से जोड़ता था। जब नए कानूनी प्रभावी नहीं होते, राष्ट्रपति की ओर से इसे हटाने के लिए दिए जाने वाले आदेश के बाद जम्मू-कश्मीर को भारत से स्वतंत्र कर देता। 

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